वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर रघुवंशी समाज की महिलाओं ने इंदौर निवासी सोनम रघुवंशी का जीते जी पिंडदान कर दिया। उन्होंने कहा कि पति को मारने वाली इस महिला को नर्क में भी जगह नहीं मिलेगी।
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महिलाओं ने सोनम रघुवंशी का पिंडदान कर पोस्टर को गंगा में नहीं बहाया। उसको आग लगा दी। उनका मानना था कि इसको गंगा में बहाया, तो वह अपवित्र हो जाएंगी। अपने पति को मारने वाली को समाज में रखना गलत होगा। ऐसा कृत्य करने वाली को समाज से बाहर करना सही फैसला होगा। इसको नर्क में भी जगह नहीं मिलेगी।
राजा रघुवंशी की आत्मा की शांति के लिए की प्रार्थना
- महिला ने सोनम रघुवंशी के पति राजा रघुवंशी का भी पिंडदान किया। उसकी आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की। महिला व्यापार मंडल अध्यक्ष सुनीता सोनी ने कहा कि सोनम ने अपने पति को मारकर बहुत बुरा काम किया है। ऐसे लोगों का समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है। उसके इस कृत्य की वजह से लोग महिलाओं को शक की नजरों से देख रहे हैं। सोनम ने महिला समाज को कलंकित किया।
- घाट पुरोहित से पूछा गया कि क्या जीवत व्यक्ति का पिंडदान हो सकता है, तो उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में मृत व्यक्ति का ही पिंडदान होता है। इस बावजूद भी कोई व्यक्ति दंडी स्वामी है या फिर समाज से बहिष्कृत है, तो उसका जीवित पिंडदान किया जा सकता है।
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