UP News: झांसी के टहरौली इलाके के कुम्हारिया गांव में बीते 22 जून को 55 साल की महिला सुशीला राजपूत की हत्या कर दी गई थी. सुशीला के कत्ल ने ऐसा सच उजागर किया, जिसने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया. जिस महिला को परिवार ने दया और ममता के नाम पर अपनाया, उसने परिवार की जड़ों को ही लहूलुहान कर दिया. इस हत्या के पीछे कोई और नहीं, बल्कि घर की बहू पूजा जाटव थी. खूबसूरत चेहरा, लेकिन भीतर से बेहद खतरनाक और शातिर दिमाग वाली महिला पूजा पहले भी जेल जा चुकी थी.
पूजा पर आरोप है कि उसने पहले पति से विवाद के बाद उस पर जानलेवा हमला करवाया, जिसमें वह जेल गई. उसका पहला पति रेलवे में कार्यरत था. जेल से छूटने के बाद कोर्ट में पेशी के दौरान उसकी मुलाकात कल्याण राजपूत से हुई, जो खुद भी आपराधिक प्रवृत्ति का था. दोनों लिव-इन में रहने लगे. करीब छह-सात महीने साथ रहे और फिर एक सड़क हादसे में कल्याण की मौत हो गई.
कल्याण की मौत के बाद पूजा गांव आई. जब परिवार कल्याण के लिए भोज रख रहा था, तो पूजा रोती हुई पहुंची. भावनात्मक रूप से कमजोर समय में परिवार ने उसे स्वीकार कर लिया. शायद यही उनकी सबसे बड़ी भूल थी. उन्होंने उसे बहू मानकर घर में रख लिया और पढ़ाई तक करवाने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान पूजा के संबंध कल्याण के बड़े भाई संतोष से हो गए, जो पहले से शादीशुदा था. इस रिश्ते से एक बच्ची भी हुई.
पूजा और संतोष के रिश्ते से घर में तनाव पैदा हुआ. संतोष की पत्नी रागिनी के अनुसार, वह कई बार खुद को ‘सौत’ जैसा महसूस करने लगी थी. संतोष पूजा से ज्यादा और रागिनी से कम बातचीत करता था, जिससे रागिनी मायके चली गईं. रागिनी का कहना है कि पूजा की चालाकी का अंदाजा कभी नहीं हुआ, वह उनके साथ 6 साल रही और कभी हिंसा या षड्यंत्र का आभास नहीं होने दिया.
हत्या की साजिश: चाय, इंजेक्शन और लूट
22 जून को पूजा ने एक शातिर चालबाजी के तहत अपने तथाकथित ससुर अजय प्रताप और संतोष को ग्वालियर बुलाया. उसी दिन उसकी बहन कामिनी और कामिनी का प्रेमी अनिल वर्मा गांव आ गए. यहां तीनों ने मिलकर पहले संतोष की मां सुशीला को चाय पिलाई, फिर उसे नशीला इंजेक्शन दिया और निर्ममता से हत्या कर दी. घर में रखे करीब 8 लाख रुपये के गहने और नकदी लूटकर फरार हो गए.
इस वारदात के बाद पहले तो शक बड़ी बहू रागिनी पर गया, लेकिन सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल कॉल डिटेल्स से धीरे-धीरे परतें खुलती गईं और असली मास्टरमाइंड पूजा को लेकर खुलासा हो गया. पुलिस ने कस्टडी में लेकर जब उससे पूछताछ की तो पता चला कि हत्या के दिन पूजा ने सिम बदलकर घर पर कॉल भी किया था, जिससे वह खुद को बेकसूर साबित कर सके.
क्रूरता की हद… बंधे हाथ-पैर, मुंह में ठूंसा कपड़ा
मृतक महिला सुशीला के भतीजे सौरभ के अनुसार, जब वह घर पहुंचे तो सुशीला की हालत देखकर चौंक गए. उनके हाथ-पैर बंधे थे, मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था और एक आंख नीली पड़ चुकी थी. कमरे में चाय के कप, इंजेक्शन और एक डंडा भी मिला. इस मामले की जांच-पड़ताल के बाद पुलिस ने कामिनी को अरेस्ट कर लिया. उसकी गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने उससे पूछताछ की, तो सारा राज खुल गया. इसके बाद पुलिस ने अनिल वर्मा और पूजा को भी गिरफ्तार कर लिया है.
मृतका सुशीला के भतीजे ने कहा कि यह तो नहीं पता कि कल्याण से पहले जिससे पूजा की शादी हुई थी, वह कहां का रहने वाला है, लेकिन वह रेलकर्मी बताया जाता है. पूजा बोलती थी कि वह गलत आदमी था. उसने यह कहकर झूठा फंसाया था कि गोली चलवाई थी. पूजा जेल भी गई थी. कल्याण झांसी में रहता था, तभी उसकी मुलाकात पूजा से हुई थी.