भारत की शेयर बाजार रेग्युलेटरी ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अमेरिकी फर्म को स्टॉक मार्केट से बैन कर दिया है और ₹4843 करोड़ की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है. गुरुवार, 3 जुलाई को एक अंतरिम आदेश में जेन स्ट्रीट ग्रुप और उसकी संबंधित संस्थाओं – JSI इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, JSI2 इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, जेन स्ट्रीट सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड और जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग लिमिटेड को भी इक्विटी मार्केट में एंट्री से रोक दिया है.
सेबी ने कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र में समग्र विश्वास को बनाए रखने और निवेशकों की सुरक्षा के लिए यह महत्वपूर्ण है. सेबी के अंतरिम आदेश के अनुसार, इन संस्थाओं को डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तौर से इक्विटी खरीद, बिक्री या अन्य तरह से ट्रांजेक्शन करने से प्रतिबंधित किया गया है.
4,843 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने के आदेश
आदेश में आगे कहा गया है कि JS Group की संस्थाओं द्वारा कथित तौर पर गलत तरीके से कमाई गई 4,843 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति को जब्त किया जाएगा. इस अमाउंट को जमा करने के लिए भारत में एक अनुसूचित कमर्शियल बैंक मं एक एस्क्रो अकाउंट खोलने का निर्देश दिया गया है. सेबी के अनुमति के बिना इन अकाउंट से पैसा नहीं निकाला जा सकता है.
सेबी ने जारी की गाइडलाइन
डिपॉजिटरी को यह तय करने का आदेश दिया गया है कि सेबी की पूर्व अनुमति के बिना कोई डेबिट नहीं किया जाए. सेबी ने कहा कि बैंकों, कस्टोडियन और डिपॉजिटसरी को यह तय करने का निर्देश दिया जाता है कि सभी निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए. सेबी ने अपने आदेश में संस्थाओं से कहा कि वे अगले तीन महीनों के भीतर अपने कॉन्टैक्ट को बंद कर दें या उसे समाप्त कर दें. ये संस्थाएं भारत में अपनी किसी भी संपत्ति का तब तक निपटान या ट्रांसफर नहीं करेंगी, जबतक कि अवैध लाभ की राशि सेबी की पूर्व अनुमति के बिना एस्क्रो अकाउंट में जमा नहीं जो जाती.
कितनी बड़ा फर्म है JS Group?
जेन स्ट्रीट ग्रुप LLC एक ग्लोबल ट्रेडिंग फर्म है, जो अमेरिका, यूरोप और एशिया में पांच स्थानों पर 3,000 से अधिक कर्मचारियों को रोजगार देती है, जो 45 देशों में 200 से अधिक स्थानों पर व्यापार करती है. यह मार्केट में ट्रेडिंग के अवसरों की पहचान करने के लिए एल्गोरिदम का उपयोग करती है.
क्या कर रहा था ये फर्म?
अप्रैल 2024: सेबी ने मीडिया रिपोर्टों के आधार पर जांच किया, जिसमें जेन स्ट्रीट ग्रुप से जुड़े कानूनी विवाद का जिक्र था, जिसमें भारतीय बाजारों में उनके मालिकाना व्यापारिक रणनीतियों के गलत उपयोग का आरोप लगाया गया था.
23 जुलाई, 2024: NSE को किसी भी बाजार दुरुपयोग का पता लगाने के लिए जेएस ग्रुप की ट्रेडिंग गतिविधि की जांच करने के लिए कहा गया.
अगस्त 2024: सेबी ने 20 अगस्त को जेएस ग्रुप के साथ बातचीत की और जेएस ग्रुप ने 30 अगस्त को अपने ट्रेडों के बारे में जानकारी दी.
13 नवंबर, 2024: जेएस ग्रुप ट्रेडिंग एक्टिविटी पर एनएसई जांच रिपोर्ट पेश की गई.
दिसंबर 2024: सेबी ने साप्ताहिक इंडेक्स ऑप्शन एक्सपायरी के दिन गड़बड़ी देखी. सेबी ने यह भी पाया कि कुछ संस्थाएं लगातार ऐसा कर रही थीं, जो बाकी ट्रेडर्स के लिए बड़ा रिस्क था.
4 फरवरी, 2025: अधिकारियों का पता चला कि जेएस ग्रुप सेबी के नियमों के खिलाफ ट्रेडिंग कर रहा है.
6 फरवरी, 2025: सेबी के निर्देशों के अनुसार, एनएसई ने जेन स्ट्रीट सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड और उसकी संबंधित संस्थाओं को एक चेतावनी पत्र जारी किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जेएस ग्रुप ऐसे ट्रेडिंग पैटर्न अपनाने से बचे, जो धोखाधड़ी और हेरफेर वाले थे.
फरवरी 2025: जेएस ग्रुप ने 6 फरवरी और 21 फरवरी 2025 को चेतावनी पत्र पर अपने जवाब भेजे.
15 मई, 2025: जेएस ग्रुप को एनएसई द्वारा जारी चेतावनी पत्र की इग्नोर करते हुए, इंडेक्स ऑप्शंस में बहुत बड़े कैश के साथ हेरफेर करते हुए देखा गया. जिसके बाद सेबी ने इसपर एक्शन लिया है.