रायपुर में लोगों को एयरफोर्स का स्टंट शो देखने को मिलेगा। भारतीय वायुसेना के पायलट हवा में करतब करते दिखाई देंगे। फाइटर जेट की गर्जना से आसमान गूंजेगा। एयरफोर्स की टीम इसके लिए रायपुर में जगह का चुनाव करेगी।
सिक्योरिटी बेंचमार्क भी जांचे जाएंगे। यह आयोजन राज्योत्सव के दौरान किए जाने की तैयारी चल रही है। एयरफोर्स की टीम रायपुर में परफॉर्म करेगी। इसका कंफर्मेशन रक्षा मंत्रालय के एक लेटर से हुआ है। यह चिट्ठी रक्षा मंत्रालय की ओर से रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल को भेजी गई है।
रक्षा मंत्रालय की चिट्ठी में यह बात लिखी है
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय से आए पत्र में कहा गया है कि सांसद बृजमोहन अग्रवाल द्वारा किए गए आग्रह पर भारतीय वायुसेना की ‘सूर्य किरण’ टीम को रायपुर में प्रदर्शन के लिए प्रस्तावित समय पर उपलब्ध कराया जाएगा।
इसके लिए भारतीय वायुसेना की टीम द्वारा निर्धारित अभ्यास और सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए संपूर्ण कार्यक्रम आयोजित होगा। इस पर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि, “छत्तीसगढ़ राज्य का स्थापना दिवस हमारे लिए गर्व और आत्मसम्मान का दिन है।
इस दिन राजधानी में भारतीय वायुसेना की सूर्य किरण टीम का प्रदर्शन प्रदेशवासियों के लिए एक अविस्मरणीय क्षण होगा। यह आयोजन युवाओं में राष्ट्रीय चेतना, अनुशासन और देशभक्ति को और मजबूत करेगा। मैं इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।”
सूर्य किरण एरोबेटिक टीम IAF के जांबाज
इंडियन एयरफोर्स (IAF) की सूर्य किरण एरोबेटिक टीम (SKAT) का गठन 1996 में किया गया था और यह दुनिया की नौ-विमान वाली अनूठी एरोबेटिक्स टीमों में से एक है। एशिया में अपने आप में इकलौती ऐसी टीम है। इस अनूठी टीम ने भारत में 500 से अधिक प्रदर्शन किए हैं।
इसके अलावा चीन, श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, सिंगापुर और यूएई में एयर शो में भारतीय वायुसेना की ताकत दिखा चुके हैं। सूर्य किरण एरोबेटिक टीम, SKAT का आदर्श वाक्य “सदैव सर्वोत्तम” है। लाल वर्दी में दिखने वाले एयरफोर्स के पायलट इस शो के जरिए यूथ को इंडियन एयरफोर्स ज्वाइन करने के लिए इंस्पायर करते हैं।
ये फाइटर जेट दिखेगा रायपुर में
सूर्य किरण टीम जिस जेट के साथ करतब आसमान में दिखाएगी उसका नाम हॉक एमके 132 (Hawk MK 132) है। फिलहाल, ये भारतीय वायुसेना में यंग पायलट की ट्रेनिंग में काम आता है। इसमें पायलट दुश्मन के हवाई इलाकों की निगरानी, जमीनी और नौसैनिक हमले का जवाब देने की ट्रेनिंग लेते हैं।
हॉक एमके 132 जेट्स इंडियन नेवी के पास भी हैं जो समुद्री सीमाओं की निगरानी करते हैं। ये जेट ट्रेनिंग के अलावा भारत के एयर डिफेंस में लड़ाकू भूमिका भी निभाते हैं।
हॉक एमके 132 भारतीय वायुसेना में किया गया था शामिल
हॉक एमके 132 भारतीय वायुसेना में इसे 23 फरवरी 2008 को शामिल किया गया था। इसे ब्रिटिश कंपनी बीएई सिस्टम्स (BAE Systems) ने बनाया है। हॉक एमके 132 (Hawk MK 132) की फ्लीट कर्नाटक के बिदर एयरफोर्स स्टेशन में तैनात है।
हॉक एमके 132 (Hawk MK 132) ऐसा ट्रेनिंग फाइटर जेट है, जिसका उपयोग दुनिया के 14 देश कर रहे हैं। इस फाइटर जेट में दो क्रू बैठते हैं। एक ट्रेनी फाइटर पायलट और दूसरा इंस्ट्रक्टर। इसकी लंबाई 40.9 फीट है. विंगस्पैन 32.7 फीट हैं, ऊंचाई 13.1 फीट है।
इसके साथ ही इसका वजन 4480 किलोग्राम है। पूरी तैयारी के साथ यह 9100 किलोग्राम वजन लेकर उड़ सकता है। हॉक एमके 132 (Hawk MK 132) में मशहूर कार निर्माता कंपनी रोल्स रॉयस का टर्बोमेका अडोर एमके 951 टर्बोफैन इंजन लगा है।
हॉक एमके 132 (Hawk MK 132) की अधिकतम गति 1028 किलोमीटर प्रतिघंटा है। यह एक बार में 2520 किलोमीटर तक उड़ना भर सकता है। अधिकतम 13,565 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। ऊंचाई पर जाने की इसकी गति 9300 फीट प्रति सेकेंड है।
2009 में रायपुर आ चुकी है टीम
इससे पहले रायपुर में ही ऐसा एयर शो आयोजित किया जा चुका है। 2009 में 7 से 8 नवंबर में राज्योत्सव को ही ध्यान में रखकर एयर शो किया गया था। तब रायपुर के बूढ़ातालाब पर इन जेट्स ने उड़ान भरी थी और पूरे शहर ने शानदार करतब देखे थे।