अंबिकापुर में 3 सप्ताह में सिर्फ 1 दिन चली फ्लाइट:फ्लाई बिग ने फिर रोकी हवाई सेवाएं, इस सप्ताह भी शेड्यूल नहीं; लोगों में निराशा

छत्तीसगढ़ के सरगुजा में हवाई सेवाएं एक बार फिर बंद हो गई हैं। फ्लाइट का संचालन करने वाली कंपनी फ्लाई बिग ने पिछले 3 सप्ताह तक खराब मौसम का हवाला देकर फ्लाई बंद रखीं। 3 सप्ताह में सिर्फ एक दिन हवाई सेवा उपलब्ध हो सकी। इस सप्ताह भी हवाई सेवाएं फ्लाई बिग के शेड्यूल में नहीं है।

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सरगुजा एयरपोर्ट के उद्घाटन के बाद हवाई सेवाओं का संचालन फ्लाई बिग कंपनी कर रही है। फ्लाई बिग की सेवाएं फिलहाल सप्ताह में तीन दिन शुक्रवार, शनिवार और रविवार को संचालित हो रही हैं।

कुछ दिनों के लिए हवाई सेवाएं सप्ताह में 5 दिन के लिए शुरू की गई थी, जिसे कंपनी ने फिर से तीन दिन कर दिया है। यह सेवा भी नियमित रूप से सरगुजा-वासियों को उपलब्ध नहीं हो पा रही है।

खराब मौसम का हवाला देकर बंद की सेवाएं

तीन सप्ताह में हवाई सेवाएं खराब मौसम के कारण बंद रहीं। सरगुजा में मानसून के सक्रिय रहने के कारण फ्लाई बिग के 19 सीटर प्लेन को लैंडिंग और टेक-ऑफ में दिक्कतों को देखते हुए सेवाएं कंपनी ने रोक दी हैं। रायपुर से अंबिकापुर के बीच खराब मौसम के कारण भी फ्लाइट का संचालन नहीं हो सका।

इस सप्ताह में भी हवाई सेवाओं का संचालन फ्लाई बिग के शेड्यूल में नहीं है। इससे लोगों में निराशा है। इसके पहले भी कंपनी प्लेन में तकनीकी खामी बताकर सेवाएं लंबे समय के लिए स्थगित कर चुकी है।

सिर्फ रायपुर और बिलासपुर के लिए फ्लाइट

वर्तमान में तीन दिनों के फ्लाइट शेड्यूल में रायपुर से अंबिकापुर, अंबिकापुर-बिलासपुर-अंबिकापुर और अंबिकापुर से रायपुर की सेवाएं ही संचालित हो रही हैं। इनमें अंबिकापुर से बिलासपुर और बिलासपुर से अंबिकापुर की सेवाएं कंपनी के लिए घाटे का सौदा है। इस रूट के लिए यात्री ही नहीं मिल रहे हैं।

हाईटेक नहीं हो सका एयरपोर्ट

सरगुजा के दरिमा एयरपोर्ट में ILS (इंस्ट्रूमेंटल लैंडिंग सिस्टम) नहीं लग सका है। लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए नियमानुसार 5 किलोमीटर की दृश्यता जरूरी है। बारिश के दिनों में मैनपाट की तराई में बसे दरिमा में यह संभव नहीं हो पाता है। इस कारण भी फ्लाइट के संचालन में दिक्कत होती है।

हवाई सेवाएं एक बार फिर बंद होने से सरगुजा के लोगों में निराशा है। पूर्व में रायपुर-अंबिकापुर से वाराणसी और प्रयागराज तक फ्लाइट सेवा शुरू करने की मांग की जाती रही है, लेकिन इसपर कोई निर्णय नहीं हो सका है।

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