अर्जेंटीना पहुंचे PM मोदी, राष्ट्रपति मिलेई के साथ करेंगे द्विपक्षीय वार्ता, बोका स्टेडियम का भी दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्रिनिदाद एंड टोबैगो से अपनी दो दिवसीय यात्रा संपन्न कर अर्जेंटीना की राजधानी पहुंच गए हैं, जहां उनका जोरदार स्वागत हुआ. रेड कार्पेट बिछाया गया, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं और गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया. 1968 में इंदिरा गांधी के बाद, 57 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री अर्जेंटीना पहुंचा है. इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करेंगे. वे अर्जेंटीना के राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देंगे और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. भारत और अर्जेंटीना शीर्ष छह व्यापारिक साझेदारों में शामिल हैं. दोनों देशों के बीच 5.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार होता है. इस दौरे में ऊर्जा, व्यापार, रक्षा, स्वास्थ्य, फार्मा, आईटी, कृषि, फूड प्रोसेसिंग और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी.

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पीएम की इस यात्रा को भारतीय राजदूत अजनीश कुमार ने इसे एक ऐतिहासिक अवसर बताया है, क्योंकि ये पिछले पांच दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा है.

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यह दौरा प्रधानमंत्री मोदी की पांच देशों की यात्रा का तीसरा पड़ाव है. इससे पहले वे घाना और त्रिनिदाद और टोबैगो जा चुके हैं. इसके बाद वे ब्राजील में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और अंतिम चरण में नामीबिया की यात्रा करेंगे. वहीं, अर्जेंटीना के कलाकर पीएम मोदी से मिलने का उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये उनके लिए सम्मान की बात है.

नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अर्जेंटीना पहुंचने की जानकारी दी. उन्होंने लिखा, ‘ब्यूनस आयर्स पहुंच गया हूं. मैं राष्ट्रपति जेवियर माइली से मिलने और उनके साथ विस्तृत बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं’.

भारतीय राजदूत अजनीश कुमार ने समाचार एजेंसी को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी देर शाम ब्यूनस आयर्स पहुंचे, जहां भारतीय समुदाय उनका जोरदार स्वागत किया. अगले दिन वे अर्जेंटीना के राष्ट्रपिता जनरल जोस डे सैन मार्टिन को प्लाजा डे सैन मार्टिन में श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. इस अवसर पर अर्जेंटीना के विदेश मंत्री भी उनके साथ होंगे.

इसके बाद पीएम मोदी की अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई से आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी. वार्ता के बाद राष्ट्रपति मिलेई उनके सम्मान में दोपहर का भोज आयोजित करेंगे. फिर वे अर्जेंटीना के प्रसिद्ध बोका जूनियर्स स्टेडियम का दौरा करेंगे और अर्जेंटीनी फुटबॉल संस्कृति को करीब से देखेंगे.

‘मील का पत्थर है पीएम की यात्रा’

राजदूत अजनीश कुमार ने इस यात्रा को दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करने का अवसर बताया. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी की ये यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक मील का पत्थर है. यह यात्रा 50 वर्षों से अधिक के अंतराल के बाद हो रही है. भारत और अर्जेंटीना 2019 से रणनीतिक साझेदार हैं. प्रधानमंत्री ने नवंबर में ब्राजील में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान अर्जेंटीना के राष्ट्रपति से मुलाकात की थी. यह दौरा उन चर्चाओं को मजबूत करेगा.

राजदूत कुमार ने बताया कि भारत और अर्जेंटीना में ऊर्जा, दोपहिया वाहन, कृषि और दवाओं के क्षेत्र में मजबूत सहयोग है. अर्जेंटीना एक कृषि प्रधान देश है और भारतीय ट्रैक्टर भी यहां लोकप्रिय हैं.

दोनों देशों के बीच रक्षा, कृषि, खनन, तेल और गैस, नवीकरणीय ऊर्जा, व्यापार, निवेश और जन-जन के बीच संबंधों जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा होगी.

‘दुनिया की फार्मेसी है भारत’

उन्होंने ये भी कहा कि भारत का फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइसेज सेक्टर की ताकत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया की फार्मेसी कहा जाता है. हमारे मेडिकल डिवाइसेज यूरोप और अमेरिका में पहले से ही लोकप्रिय हैं. इन्हें अर्जेंटीना में लाकर यहां की जनता को किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी.

3-4 सालों 8 बिलियन डॉलर तक बढ़ेगा व्यापार

अर्जेंटीना की खाद्य तेल संघ, CIARA के अध्यक्ष गुस्तावो इडिगोरास ने इस यात्रा को पिछले 20 वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा, ‘अर्जेंटीना को भारत के साथ निकट आर्थिक और व्यापारिक संबंध स्थापित करने की आवश्यकता है. राष्ट्रपति मिलेई और उनकी सरकार प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलकर काम करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. हमारा टारगेट वर्तमान 5 बिलियन डॉलर से अधिक के द्विपक्षीय व्यापार को अगले 3-4 वर्षों में 8 बिलियन डॉलर तक बढ़ाना है.’

बता दें कि भारत और अर्जेंटीना के बीच ऊर्जा, दोपहिया वाहन और कृषि जैसे क्षेत्रों में पहले से ही अच्छा सहयोग है. अर्जेंटीना की लिथियम, तांबा और अन्य दुर्लभ खनिजों की समृद्ध भंडार भारत की स्वच्छ ऊर्जा और औद्योगिक विकास की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं. दोनों देशों ने अगस्त 2022 में खनिज संसाधनों पर सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे और जनवरी 2025 में इसकी पहली संयुक्त कार्य समूह की बैठक हुई थी.

 

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