Uddhav Thackeray speech during marathi rally: महाराष्ट्र के राजनीति के लिए आज (शुक्रवार) बड़ा दिन है. मुंबई के वर्ली स्थित एनएससीआई डोम में शिवसेना यूबीटी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने संयुक्त रैली की. इस रैली का नाम ‘मराठी विजय रैली’ दिया गया. इस रैली में एक साथ दोनों भाई, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे दिखे. क़रीब 20 सालों बाद दोनों भाइयों ने मंच साझा किया है. इस ऐतिहासिक मिलन से महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े बदलाव की अटकलें लगाई जा रही हैं.
रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ने कहा कि हम (राज ठाकरे) साथ आए हैं, एक साथ रहने के लिए. हम एक साथ हैं, ये महत्वपूर्ण है. हमारे और राज के बीच जो अंतर था, वह कुछ लोगों ने दूर किया है. मराठी का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि ये लोग यूज़ एंड थ्रो की पॉलिसी का इस्तेमाल करते हैं. अब हमारी बारी है. अब हम इन्हें उखाड़कर बाहर फेकेंगे. आप लोग सभी लोगों के स्कूल खोज रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किस स्कूल में गए? हिंदुत्व पर किसी एक का अधिकार नहीं है. हमें हिंदुत्व सिखाने की ज़रूरत नहीं है.
#WATCH | Mumbai: Shiv Sena (UBT) chief Uddhav Thackeray's son and party leader Aaditya Thackeray, Maharashtra Navnirman Sena (MNS) chief Raj Thackeray's son and party leader Amit Thackeray also present at the stage where both parties are holding a joint rally after the… pic.twitter.com/ACD5u9aOaD
— ANI (@ANI) July 5, 2025
उद्धव बोले – 1992 में जब मुंबई में हिंसा फैला थी तो यहां के मराठी लोगों ने हिंदुओं की जान बचाई थी. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बोला है कि वह गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं करेंगे. तो उन्हें बता देना चाहता हूं कि अगर वह अपनी भाषा को लेकर गुंडागर्दी करेंगे तो फिर हम भी गुंडे हैं.
उन्होंने कहा कि वे पूछ रहे हैं कि क्या हम मराठी नहीं हैं? क्या हमें अब यह साबित करने के लिए रक्त परीक्षण करने की आवश्यकता है? हमें मुंबई मिली है, जिसके लिए हमने लड़ाई की. उस समय के राजनेता नहीं चाहते थे कि महाराष्ट्र में मराठी हों. अब केंद्र की मोदी सरकार कहती है कि हिंदी, हिंदू और हिंदुस्तान. हमें हिंदू और हिंदुस्तान तो मंजूर है. लेकिन हिंदी नहीं. जबरदस्ती हिंदी थोपना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आपकी सात पीढ़ियां भी अगर हम पर हिंदी थोपेंगी तब भी हम ऐसा होने नहीं देंगे.
अडानी के पास चली गई मुंबई की ज्यादातर जमीनें: उद्धव
उद्धव ने कहा कि हमें शर्म आनी चाहिए कि मुंबई की ज्यादातर जमीनें अडानी के पास चली गईं हैं. जिसके लिए हमारे शहीदों ने ख़ून बहाया था, हम अपने ज़मीन को भी नहीं बचा सके.