कोरबा जिले में लगातार हो रही बारिश से बड़मार क्षेत्र से कोई गांव को जोड़ने वाली सड़क हो हिस्सों में कट गई है, इससे कई गांवों का संपर्क टूट गया है। मार्ग पर आवाजाही बंद हो गई है।
यह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई गई थी। हसदेव बांगो बांध का जल स्तर बढ़ गया है। करतला के गेरांव के बांसाझर्रा में स्थित स्टॉपडैम टूट गया है, जिससे 20 साल पुरानी पुलिया बह गई।
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वहीं, सिंघिया कोरबी गांव में नाले में बहे रेलवे कर्मचारी का शव 40 घंटे बाद मिला है। 3 जुलाई को उदय कुमार सिंह काम के दौरान नाले के तेज बहाव में बह गया था। जिसे SDRF ने रेस्क्यू कर शव ढूंढ निकाला। मामला कटघोरा थाना क्षेत्र का है।
इधर आदर्श नगर कुसमुंडा कॉलोनी स्थित SECL डीएवी पब्लिक स्कूल की छत से बारिश का पानी टपक रहा है। क्लासरूम में जगह-जगह बाल्टियां रखी गई हैं। इस पर अभिभावकों ने बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठाए है।
बारिश के बाद होगा मरम्मत
गेरांव के बांसाझर्रा में पुलिया बह जाने से यातायात बाधित हो गया है। कार्यपालन अभियंता संतोष नाग के मुताबिक, यह 20 साल पुरानी पुलिया थी। बारिश रुकने के बाद मरम्मत कार्य शुरू किया जाएगा।
जिले में औसत बारिश 260.01 मिलीमीटर दर्ज की गई है। यह 10 साल के औसत 242.4 मिलीमीटर से 7.3 प्रतिशत अधिक है। कोरबा में 126 मिलीमीटर, बरपाली में 58.5, पाली में 30.02, कटघोरा में 35.5 और पसान में 89.5 मिलीमीटर बारिश हुई है।
24 घंटों में 91.88 मिलियन घन मीटर बारिश दर्ज
हसदेव बांगो बांध में जलस्तर बढ़कर 346 मीटर तक पहुंच गया है। बांध की अधिकतम क्षमता 359.66 मीटर है। वर्तमान में बांध का जलभराव 35 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटों में 91.88 मिलियन घन मीटर पानी की आवक हुई है।
ग्रामीणों के अनुसार, यह स्टॉपडैम पूर्व विधायक ननकी राम कंवर के प्रयासों से बनाया गया था। यह गांव की खेती और दैनिक जरूरतों का महत्वपूर्ण स्रोत था। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से डैम के पुनर्निर्माण की मांग की है।
स्कूल की छत से टपक रहा पानी
वहीं, जिले के आदर्श नगर कुसमुंडा कॉलोनी स्थित SECL डीएवी पब्लिक स्कूल की स्थिति चिंताजनक हो गई है। स्कूल की छत से पानी टपक रहा है और दीवारों में सीपेज की समस्या है। कई स्थानों पर छत का प्लास्टर उखड़ चुका है।
फर्श पर लगी टाइल्स के कारण बच्चों के फिसलने का खतरा बना हुआ है। कक्षा 6 में यह समस्या सबसे अधिक है, जहां आधे घंटे से अधिक बारिश होने पर स्थिति और बिगड़ जाती है। स्कूल में कोयला कर्मियों के बच्चे पढ़ते हैं।
एसईसीएल प्रबंधन की देखरेख में स्कूल का संचालन होता है। लेकिन भवन की मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शौचालय की स्थिति भी खराब है।अभिभावकों ने चिंता जताई है कि छज्जे और छत का प्लास्टर कभी भी गिर सकता है।