मध्य प्रदेश के शिवपुरी-जिले की कोलारस विधानसभा के अंतर्गत आने वाले लुकवासा क्षेत्र से राजस्थान बॉर्डर को जोड़ने वाले एक इलाके में एक पुल की दरकार है. ग्रामीण इस पुल की शासन-प्रशासन और जिम्मेदार प्रतिनिधियों से लगातार मांग करते आ रहे हैं. इसके बावजूद भी यह पुल 8 साल से नहीं बन सका है.
यही वजह है कि इस इलाके से जुड़े 15 गांवों के ग्रामीण मजबूर होकर खतरे के निशान से ऊपर बहती हुई नदी को अपनी जान जोखिम में डालकर पार करने के लिए मजबूर हैं. गहरे पानी में ट्रैक्टर से नदी पार करते हुए मजबूर ग्रामीण का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है. जिले की कोलारस विधानसभा के अंतर्गत आने बाले लुकवासा से होकर गुजरने वाली करई नदी अक्सर बाढ़ हालातों से ग्रामीणों का आमना सामना करवाती है.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
ग्रामीणों की मांग, लेकिन शासन का ध्यान नहीं
यही वजह है कि ग्रामीण क्षेत्र में इस नदी पर पुल बनाने की मांग शासन-प्रशासन से पिछले आठ सालों से लगातार करते आ रहे हैं, लेकिन इस पूरे मामले पर शासन ने अभी तक ध्यान नहीं दिया है. यह जान को जोखिम में डालने वाला वीडियो शासन की घोर लापरवाही को उजागर करता है. ग्रामीणों के अनुसार, इस इलाके में रहने वाले बसाई, रसोई, हरियाल, पिपरौदा, चिरौली, किशनपुर समेत 15 गांवों के लोगों का रोज आना-जाना है.
पंचायत स्तर से कई बार प्रस्ताव भेजे गए
ग्रामीणों की लगातार मांग पर पंचायत स्तर से कई बार पुल निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजे गए, लेकिन विभागीय अधिकारी और जनप्रतिनिधि कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं. हर बारिश में गांवों के सामने स्कूल अस्पताल और खेती तक पहुंचने का संकट खड़ा हो जाता है. ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें अपनी जान जोखिम में डालने का कोई शौक नहीं है, लेकिन पुल नहीं होने से उन्हें मजबूरी में यही रास्ता अपनाना पड़ता है. इसका असर बच्चों की पढ़ाई, बीमारों के इलाज और खेती-किसानी पर भी पड़ रहा है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
क्या बोले पंचायत सचिव?
इस मामले में पंचायत सचिव महेश ओझा ने कहा कि नदी पर पुल बनाना पंचायत का काम नहीं है. हमने कई बार प्रस्ताव भेजे हैं, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है. वहीं ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द करई नदी पर पुल का निर्माण कराया जाए.