हरदी बाजार-नेवसा मार्ग पर लीलागर नदी उफान पर: पुल से 3 फीट ऊपर बहा पानी, 24 घंटे बंद रहा आवागमन

कोरबा: जिले के हरदी बाजार से नेवसा उतरदा होते हुए बिलासपुर तक जाने वाला मुख्य मार्ग लीलागर नदी को पार करता है। इस मार्ग पर बना पुराना पुल बारिश के दिनों में खतरनाक साबित हो रहा है। बीते दो दिनों की लगातार बारिश से नदी में तेज बहाव आ गया, जिससे आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया था। रविवार शाम लगभग 4 बजे, ग्राम चोढ़ा के आश्रित गांव भेलवाडोंगरी निवासी शंकर सिंह गोंड (पिता – जोहन सिंह, उम्र – 20 वर्ष) किसी कार्यवश हरदी बाजार आया था और वापस लौटते समय नेवसा गांव के पास लीलागर नदी के पुराने पुल को पार कर रहा था।

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इस दौरान पुल के ऊपर से लगभग तीन फीट पानी बह रहा था। युवक ने अपनी हीरो मोटरसाइकिल के साथ पुल पार करने की कोशिश की, लेकिन बीच में ही फंस गया। वहां मौजूद अन्य लोगों ने उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया, परंतु उसकी बाइक तेज बहाव में बह गई। यह मार्ग बिलासपुर और सीपत को जोड़ने वाला मुख्य रास्ता है, जिससे प्रतिदिन हजारों लोग गुजरते हैं। इसके अलावा आसपास के गांवों के स्कूली बच्चे भी इसी पुल से होकर स्कूल और कॉलेज जाते हैं। बारिश के मौसम में पुल पर तेज बहाव और फिसलन की वजह से यहां रोजाना हादसे की आशंका बनी रहती है। लोग जान जोखिम में डालकर एक-दूसरे का सहारा लेकर पुल पार करने को मजबूर हैं।

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पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा लीलागर नदी पर 60 मीटर लंबा नया पुल बनाने के लिए 1 करोड़ 75 हजार रुपये की लागत से निर्माण कार्य शुरू किया गया था, लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी यह पुल अधूरा पड़ा है। ठेकेदार की लापरवाही और विभाग की अनदेखी के कारण निर्माण कार्य में अनावश्यक देरी हो रही है। हरदी बाजार के सरपंच लोकेश्वर कंवर ने बताया कि पुल के बीचों-बीच फंसे एक बड़े पेड़ को JCB मशीन की मदद से तब हटाया गया जब पानी का बहाव कुछ कम हुआ, ताकि रास्ता आंशिक रूप से साफ हो सके।

इसी मार्ग पर रविवार को एक अधेड़ व्यक्ति भी बहाव में बह गया था, जिसे मौके पर मौजूद लोगों ने समय रहते बचा लिया। स्थानीय निवासियों की मांग है कि अधूरे पुल का कार्य शीघ्र पूरा किया जाए ताकि लोगों की जान जोखिम में डालने वाली स्थिति से बचा जा सके।

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