बलरामपुर: जिले की रघुनाथनगर तहसील से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां 5-7 वर्ष के मासूम साजन, पिता रामबली (जाति: पंडो) की सर्पदंश के बाद समय पर इलाज न मिलने से दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना रघुनाथनगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में घटित हुई, जहाँ डॉक्टर की अनुपस्थिति में मासूम को इलाज के लिए डॉक्टर के निजी क्लिनिक भेजा गया।
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परिजनों के अनुसार, जब वे बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचे तो अस्पताल स्टाफ ने बताया कि डॉक्टर मौजूद नहीं हैं और इलाज के लिए बच्चे को उनके निजी क्लिनिक ले जाया गया। वहां दो घंटे तक मासूम तड़पता रहा और इलाज में लगातार देरी होती रही। हालत बिगड़ने पर डॉक्टर ने बच्चे को वापस सामुदायिक अस्पताल भेजा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इंजेक्शन लगते ही मासूम ने दम तोड़ दिया।
इस घटना ने पूरे क्षेत्र में शोक और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है। परिजनों ने आरोप लगाया है कि यदि समय रहते सही इलाज मिल जाता, तो साजन की जान बचाई जा सकती थी। ग्रामीणों ने सामुदायिक अस्पताल में तैनात डॉक्टर पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है और सरकारी ड्यूटी के समय निजी क्लिनिक में बैठकर इलाज करने की प्रवृत्ति पर कड़ा विरोध जताया है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि दोषी डॉक्टर पर तत्काल निलंबन की कार्रवाई की जाए, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की जाए और ड्यूटी समय में निजी क्लिनिक पर बैठने पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाए। यह घटना न केवल एक मासूम की असमय मौत का दुखद उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं कितनी बदहाल स्थिति में हैं। प्रशासन से इस पर त्वरित और कठोर कार्रवाई की अपेक्षा है।