चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण और सत्यापन को लेकर सियासत गर्म है. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुनरीक्षण पर सवाल उठाए और कहा कि बार-बार बदलते दिशा निर्देश से भी भ्रम की स्थिति बन गई है. इस मुद्दे पर अब असदुद्दीन ओवैसी भी चुनाव आयोग पहुंच गए हैं.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को इस मुद्दे को लेकर नई दिल्ली में चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचे. असदुद्दीन ओवैसी ने मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को चुनाव आयोग की ओर से जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया और कहा कि मतदाता सूची से 15-20 फीसदी लोग बाहर किए जाते हैं, तो वह लोग अपनी नागरिकता भी गंवाएंगे.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
उन्होंने कहा कि हम पुनरीक्षण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन समय दिया जाना चाहिए. ओवैसी ने यह भी कहा कि अगर किसी का वोटर लिस्ट से नाम काटा जाता है, वह व्यक्ति न सिर्फ अपने मताधिकार से वंचित होता है, बल्कि यह आजीविका से जुड़ा मुद्दा है. उन्होंने कहा कि हमारा एकमात्र मुद्दा यह है कि चुनाव आयोग किस तरह से इतने कम समय में इस तरह की प्रक्रिया पूरी कर सकता है?
ओवैसी ने कहा कि लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और हमने चुनाव आयोग के सामने ये व्यावहारिक समस्याएं रखी हैं. हमने चुनाव आयोग को अवगत कराया है कि बीएलओ को कोई हैंडबुक नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि बिहार में इस समय बारिश हो रही है. गरीबों के पास डॉक्यूमेंट्स नहीं हैं. हमने चुनाव आयोग से अंतिम तिथि बढ़ाने की भी मांग की है.
ओवैसी ने घुसपैठ और बांग्लादेशियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस झूठ फैला रहे हैं कि बांग्लादेश से घुसपैठिए आ गए हैं. सन 1971 की लड़ाई के बाद हिंदुस्तान ने जिन्हें आने की इजाजत दी थी, आज वह लोग कैसे घुसपैठिए बन गए?
ओवैसी ने सवालिया अंदाज में कहा कि अगर कोई घुसपैठिया है, तो 2024 के लोकसभा चुनाव उनको मतदान क्यों करने दिया गया? हम अन्य विपक्षी दलों के साथ बैठकर बात करेंगे कि आगे क्या करना है. एआईएमआईएम प्रमुख ने आगे कहा कि हम कोर्ट जाएंगे या नहीं, यह समय बताएगा.