सुल्तानपुर: सपा नेता की संदिग्ध मौत से पहले धमकी भरी पोस्ट, परिजनों ने पूर्व विधायक के साले पर लगाया हत्या का आरोप

सुल्तानपुर: जिले के चांदा कोतवाली क्षेत्र के मदारडीह गांव में समाजवादी पार्टी के पूर्व सेक्टर प्रभारी सुनील यादव (30) की रविवार शाम संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है। परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए पूर्व सपा विधायक संतोष पांडेय के साले विवेक मिश्रा और सोनावा निवासी सुशील निषाद पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सुनील यादव के पिता तुलसीराम यादव ने बताया कि 3 जुलाई को टोल प्लाजा पर कुछ लोगों ने उनके बेटे के साथ मारपीट की थी, जिसमें उसे गंभीर चोटें आई थीं।

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इलाज के दौरान 6 जुलाई को उसकी मौत हो गई। उसी दिन उनके बेटे के नवजात पुत्र की बरखी का कार्यक्रम भी आयोजित होना था, लेकिन सुनील की मौत ने पूरे परिवार की खुशियों को मातम में बदल दिया। घटना के बाद परिजनों ने डीएम से दो डॉक्टरों के पैनल द्वारा पोस्टमार्टम और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की मांग की थी। सोमवार शाम पोस्टमार्टम के बाद सुनील का अंतिम संस्कार धोपाप घाट पर किया गया।

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मृतक सुनील की एक पुरानी सोशल मीडिया पोस्ट भी सामने आई है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से विवेक मिश्रा और सुशील निषाद से जान का खतरा बताया था। पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि “अगर प्रधानी का चुनाव लड़ा तो जान से मार दिया जाएगा।” इस पोस्ट में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डीजीपी लखनऊ, पुलिस अधीक्षक सुल्तानपुर, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और पार्टी के आधिकारिक फेसबुक पेज को भी टैग किया था। हालांकि, अब यह पोस्ट उनके फेसबुक अकाउंट से गायब हो चुकी है।

सुनील के छोटे भाई अंकुश यादव ने बताया कि वह दिल्ली में नौकरी करता है। उसके अनुसार, पहले फोन आया कि सुनील गिर गया है, फिर कुछ देर बाद बताया गया कि उसे सुल्तानपुर रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसने चिंता जताई कि अगर वह कुछ बोलेगा तो उसकी जान को भी खतरा हो सकता है।

इंस्पेक्टर चांदा अशोक कुमार सिंह ने बताया कि फिलहाल मामले को संदिग्ध माना जा रहा है और परिजनों की मांग पर पोस्टमार्टम कराया गया है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। सुनील यादव तीन भाइयों में मंझला था। दो साल पहले उसकी शादी हुई थी और उसके एक बेटी और एक नवजात बेटा है, जो हाल ही में 25 जून को जन्मा था।

इस मामले ने सियासी गलियारों में भी हलचल मचा दी है, खासतौर पर तब जब हाल ही में सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी पूर्व विधायक के आवास पर पहुंचे थे। मामले की निष्पक्ष जांच और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।

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