कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) को छत्तीसगढ़ में एक संबोधन के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के नामों का गलत उच्चारण करने के बाद बीजेपी की आलोचना का सामना करना पड़ा. रायपुर के साइंस ग्राउंड में स्पीच का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें खड़गे राष्ट्रपति को ‘मुरमा जी’ कहते हुए सुने जा सकते हैं. हालांकि, उन्होंने तुरंत खुद को सुधारते हुए ‘मुर्मूं’ कहा. कुछ सेकंड बाद, उन्होंने फिर से गलती की और ‘कोविंद’ को ‘कोविड’ कह दिया.
किस मुद्दे पर स्पीच दे रहे थे खड़गे?
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
मल्लिकार्जुन खड़गे, छत्तीसगढ़ के जंगलों में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई के मुद्दे पर बोल रहे थे, इस दौरान उनसे यह चूक हुई. उन्होंने बीजेपी और उसके ‘उद्योगपति मित्रों’ पर जमीन हड़पने का आरोप लगाया.
Kharge ji's venomous and diabolical attack on Presidents Murmu ji and Kovind ji exposes the dangerous deep rooted Dalit Virodhi mindset of the Congress party. For the Congress party not Dalit welfare but only Dynastic welfare has always been top priority.
Right from denying Dr.… pic.twitter.com/husj6YSkVz— C.R.Kesavan (@crkesavan) July 8, 2025
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “हमारे जल, जंगल और जमीन की रक्षा की जानी चाहिए और इसलिए हमें एकजुट होने की जरूरत है. वे (भाजपा) कहते हैं कि हमने (द्रौपदी) मुरमा को राष्ट्रपति, (राम नाथ) कोविड (कोविंद) को राष्ट्रपति बनाया, लेकिन क्या, हमारे संसाधनों, हमारे जंगल, जल और जमीन को चुराने के लिए? आज, अडानी और अंबानी जैसे लोग इस पर कब्जा कर रहे हैं.”
बीजेपी ने बताया आदिवासी विरोधी
बीजेपी ने कांग्रेस प्रमुख पर कड़ा प्रहार करते हुए उनकी तरफ से हुई चूक को ‘महिला, दलित और आदिवासी विरोधी’ बताया और आलोचना की. बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष ने द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है. पूरा आदिवासी समुदाय इसकी निंदा कर रहा है. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के लिए कोविड जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल किया.” शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस चीफ का यह बयान कांग्रेस की एससी और एसटी समुदाय के प्रति गहरी नफरत को दर्शाता है.
उन्होंने कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मुर्मा जी, कोविंद जी को कोविड जी कहना और फिर उन्हें जमीन हड़पने वाला कहना, एससी और एसटी समुदाय के प्रति कांग्रेस की गहरी नफरत को दर्शाता है.”
पूनावाला ने आगे कहा, “कांग्रेस ने संवैधानिक पदों के प्रति इस तरह की परंपरा दिखाई है. उन्होंने न तो भारत के मुख्य न्यायाधीश, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति, किसी को नहीं बख्शा है.”
याद आया ‘राष्ट्रपत्नी’ वाला बयान…
यह पहली बार नहीं है, जब कांग्रेस राष्ट्रपति को लेकर कथित अपमानजनक टिप्पणी करने करने की वजह से मुश्किल में फंसी है. साल 2022 में, पत्रकारों से बात करते हुए, सीनियर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए ‘राष्ट्रपत्नी’ शब्द का इस्तेमाल किया था. इसके बाद एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया, जिसके बाद सत्तारूढ़ बीजेपी ने संसद में इस मुद्दे को उठाया था.
हंगामे के बीच, अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह सिर्फ उनकी जुबान की फिसलन थी, राष्ट्रपति के लिए उनके मन में बहुत सम्मान है. उन्होंने कहा था, “यह गलती इसलिए हुई क्योंकि मेरी मातृभाषा बंगाली है और अच्छी तरह से हिंदी नहीं जानता हूं.”