द्रौपदी मुर्मू को ‘मुरमा’, रामनाथ कोविंद को ‘कोविड’ कहने पर बीजेपी ने मल्लिकार्जुन खरगे पर साधा निशाना

भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राजयसभा सांसद मल्लिकार्जुन खरगे पर तीखा हमला किया है. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, मल्लिकार्जुन खरगे ने भारत की राष्ट्रपति के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया है, कांग्रेस के नेता का ऐसे करना यह दिखाता है कि इनकी मानसिकता आदिवासी विरोधी है. इसके साथ ही पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लेकर उनका बयान दलित विरोधी मानसिकता को दिखाता है. उन्होंने भारत की राष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बारे में गलत बयानबाजी की है. इस वजह से भारत का हर नागरिक उनसे नाराज है, और उनके बयान की निंदा की जा रही है. मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्रपति को बिना किसी सम्मान के ‘मुरमा जी’ कहकर संबोधित किया और फिर अंत में उन्हें भू-माफिया कह दिया.पूरा देश जानता है, अगर कोई भू-माफिया है, तो वह नकली गांधी परिवार है.

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गौरव भाटिया ने कहा, “ये राष्ट्रपति को मुरमा जी और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को केविड बोल रहे है. हमारे संपत्ति छीनने के लिए बनाए. मैं रॉउल नहीं बोलूंगा राहुल जी को. आप उनके प्रथम नाम से संबोधित कर रहे हैं और उन्हें भू माफिया बता दे रहे हैं. ये सब राहुल गांधी के इशारे पर बोला जा रहा है. सभी जानते है भू माफिया कांग्रेस के परिवार के रॉबर्ट वाड्रा हैं जो जमीन हड़प लेते हैं. इस पर पूरा देश थू-थू कर रहा है. क्या इससे संविधान तार तार नहीं हो रहा है.”

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“नकली गांधी परिवार के लोग…”

गौरव भाटिया ने आगे कहा कि, उदित राज ने राष्ट्रपति पर टिप्पणी कर कहा था कि द्रौपदी मुर्मू जैसा राष्ट्रपति किसी देश को भी न मिले. चमचा गिरी की भी हद है. कहतीं हैं 70 प्रतिशत लोग गुजरात का नमक खाते हैं, पहले खुद नमक खाकर जिएं, फिर अधीर रंजन ने कहा था कि हिंदुस्तान की राष्ट्रपत्नी सबके लिए हैं, हमारे लिए क्यों नहीं. किस तरह की अभद्र टिप्पणी एक महिला के लिए की जा रही है, एक आदिवासी महिला के लिए, उन्हें कोई आत्मग्लानि नहीं हुई क्योंकि बिना रीढ़ की ये हड्डी सोनिया गांधी या राहुल गांधी के आगे झुकती है तो ठीक है, लेकिन अगर कोई मेहनत करके देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद तक पहुंचता है तो सबसे ज्यादा जलन कांग्रेस पार्टी के नेताओं को होती है. उनका मानना है कि नकली गांधी परिवार के लोग ही संवैधानिक पदों पर होने चाहिए.

इसके अलावा अजय कुमार इस हद तक चले गए कि उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी जी इवेल माइंडसेट को रिफ्लेक्ट करती हैं.पहले अधीर रंजन चौधरी माफी नहीं मांग रहे थे, लेकिन विरोध के बाद अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर माफी मांगते हुए कहा, स्लिप ऑफ टंग है ये. लेकिन जब आज मल्लिकार्जुन खड़गे अभद्र टिप्पणी करते हैं तो ये स्पष्ट हो गया है कि ये स्लिप ऑफ टंग नहीं है, यह सब राहुल के इशारे पर हुआ.अगर अधीर रंजन माफी मांगते हैं तो क्या मल्लिकार्जुन खरगे लिखित में राष्ट्रपति से माफी मांगेंगे, क्या उनको पार्टी से निकला जाएगा?

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