कानपुर में तैनात रेलवे के चीफ ऑफिस सुप्रिटेंडेंट तीन दिन पहले लापता थे. मंगलवार को उनका शव एक नाले में मिला. शव मिलने के बाद परिवार में कोहराम मच गया. बीती 5 जुलाई को वो घर से ऑफिस जाने के लिए निकले थे, लेकिन ऑफिस नहीं पहुंचे. पहले परिजनों ने उनको ढूंढने की कोशिश की, जब उनका कुछ पता नहीं चला तो थाने में तहरीर दी.
परिजनों का कहना है कि वो बिल्कुल आम दिनों की तरह निकले थे. परिवार वालों ने किसी अनहोनी की आशंका जताई है. मंगलवार को उनका शव नौबस्ता के पास एक नाले में मिला. दरअसल, कानपुर के गोविंदपुरी में रेलवे के चीफ ऑफिस सुप्रिटेंडेंट के पद पर तैनात लक्ष्मी नारायण प्रसाद पिछले तीन दिनों से लापता थे.
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ऑफिस से फोन आया, तब परिजनों को पता चला
परिजनों ने बताया कि पांच जुलाई को लक्ष्मी नारायण रोज की तरह ऑफिस जाने के लिए घर से निकले थे. जब वो ऑफिस नहीं पहुंचे तो तकरीबन 11 बजे ऑफिस से फोन आया और उनके ऑफिस न आने का कारण पूछा गया. तब जाकर परिजनों को पता चला कि वो लापता हो गए हैं. परिजनों के अनुसार, वो घर से रोज की तरह सुबह 9.30 बजे निकले थे और बोलकर गए थे कि ऑफिस जा रहे हैं.
परिजनों ने जब उनका फोन मिलाया तो वो बंद आ रहा था. दोस्तों और रिश्तेदारों में पता करने के बाद भी जब उनका कुछ पता नहीं चला तो थाना नौबस्ता में परिजनों ने तहरीर दी. परिजनों के अनुसार, लक्ष्मी नारायण दिव्यांग थे और वो आम दिनों की तरह ही घर से गए थे. उनके लापता होने की वजह से परिजन परेशान हो गए. परिजन लगातार उनकी तलाश कर रहे थे. उनका मोबाइल नंबर भी पांच तारीख से बंद आ रहा था.
डेढ़ साल में होने वाले थे रिटायर
लक्ष्मी नारायण डेढ़ साल में रिटायर होने वाले थे. आज उनका शव मिला है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शव फूल गया था. पुलिस ने अब उसको पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है. वहीं रेलवे एंप्लॉई एसोसिएशन के नेता विक्रम सिंह ने कहा कि रेलवे के अधिकारी लापता हुए और अब उनका शव मिला है. पुलिस-प्रशासन को जल्द से जल्द इस मामले की जांच करके पता करना चाहिए कि किसने इस घटना को अंजाम दिया है.