डीडवाना-कुचामन: मुहर्रम पर्व के तीसरे दिन कुचामन सिटी में मंगलवार को पारंपरिक श्रद्धा और अकीदत के साथ फूल-प्याला पर्व का आयोजन किया गया। इस मौके पर राजस्थान के विभिन्न जिलों से हजारों अकीदतमंदों की मौजूदगी में तीन अलग-अलग स्थानों से फूल-प्याला जुलूस निकाले गए। जुलूसों में शामिल ढोल-ताशा पार्टियों की मातमी धुनों ने वातावरण को गमगीन कर दिया।
ज्ञात हो कि सैकड़ों वर्षों से मनाया जा रहा कुचामन का यह पर्व राज्यभर में अपनी विशेष पहचान रखता है। इस आयोजन में जिले सहित प्रदेश के कई शहरों से अकीदतमंद कुचामन पहुंचते हैं। इतनी बड़ी भीड़ को सुव्यवस्थित ढंग से संभालने के लिए पुलिस और प्रशासन को भी बड़ी तैयारी करनी पड़ती है।
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
तीन स्थानों से निकले जुलूस, फूल-प्यालों का संगम बना ऐतिहासिक क्षण
पहला जुलूस दोपहर 12 बजे छीपा मोहल्ला से रवाना हुआ और व्यापारी मोहल्ला, नया शहर, घाटी कुआं होते हुए कालालो की गली तक पहुंचा। दूसरा जुलूस मोहल्ला लुहारान से प्रारंभ होकर अम्बेडकर सर्किल, पुराना बस स्टैंड होते हुए पलटन गेट पर पहले जुलूस में शामिल हो गया। इसके बाद दोनों जुलूस मातमी धुनों के साथ सदर बाजार पहुंचे, जहां तीसरे फूल प्याले के साथ संगम हुआ। यह दृश्य बेहद भावुक और ऐतिहासिक रहा, जिसे हजारों लोगों ने देखा।
जुलूस के दौरान कुचामन की सांप्रदायिक एकता की झलक भी देखने को मिली, जब विभिन्न समुदायों के लोगों ने भाग लिया। संगम के बाद संयुक्त जुलूस धानमंडी, घाटीकुआं होते हुए छीपा मोहल्ला व खान मोहल्ला की कर्बला पहुंचा, जहां फूल प्यालों को परंपरागत रूप से सैराब किया गया।
राज्यभर से उमड़ा जनसैलाब
इस धार्मिक आयोजन में मकराना, अजमेर, ब्यावर, सीकर, झुंझुनूं, सुजानगढ़, जसवंतगढ़, लाडनूं, परबतसर सहित अनेक स्थानों से अकीदतमंद शामिल हुए। आयोजन समिति के अनुसार इस बार करीब 35,000 से अधिक लोग इस जुलूस का हिस्सा बने।
ढोल-ताशा पार्टियों की प्रस्तुति ने बांधा समां
जुलूस की खास बात रही विभिन्न शहरों से आई ढोल और ताशा पार्टियों की शानदार प्रस्तुति। उनकी मातमी धुनों ने वातावरण को भावुक बना दिया। मार्ग में जगह-जगह अकीदतमंदों द्वारा पानी, शरबत और अन्य पेय पदार्थों की सेवा व्यवस्था की गई। मदरसा इस्लामिया सोसायटी द्वारा ढोल-ताशा पार्टियों व अखाड़ों के उस्तादों की दस्तारबंदी की गई।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही तैनात
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नेमीचंद के नेतृत्व में पूरे आयोजन के लिए चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई। जिले के कई थानों से पुलिस बल तैनात किया गया। ड्रोन कैमरों के माध्यम से निगरानी की गई और नगर परिषद ने सफाई व यातायात व्यवस्था में सहयोग दिया।
प्रशासन का हुआ सम्मान
जुलूस के समापन पर मदरसा इस्लामिया सोसायटी द्वारा कुचामन फोर्ट में कार्यक्रम आयोजित कर प्रशासन का आभार प्रकट किया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नेमीचंद, वृताधिकारी अरविंद विश्नोई, भवानी सिंह, तहसीलदार कैलाश विश्नोई सहित अन्य अधिकारियों का साफा पहनाकर सम्मान किया गया। फूल-प्याला जुलूस न केवल धार्मिक आस्था, बल्कि सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है। इस वर्ष भी यह आयोजन श्रद्धा, अनुशासन और भाईचारे की मिसाल बनकर सामने आया।