छत्तीसगढ़ में स्मार्ट सिटी में 500 करोड़ का प्रोजेक्ट दिलाने के नाम पर 15 करोड़ की ठगी मामले में युवा कांग्रेस नेता आशीष शिंदे को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया है। वहीं, मुख्य आरोपी तांत्रिक केके श्रीवास्तव को सोमवार को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।
युवा कांग्रेस नेता आशीष शिंदे पर आरोप है कि मुख्य आरोपी केके श्रीवास्तव को फरार कराने में मदद की थी। पुलिस का कहना है कि आशीष ने आरोपी को अपनी गाड़ी में छिपाकर शहरभर में घुमाया। पुलिस की नजर से बचाने की साजिश में भी शामिल रहा।
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
दरअसल, आशीष शिंदे रायपुर का सक्रिय युवा कांग्रेस नेता है। आशीष रायपुर उत्तर विधानसभा का युवा कांग्रेस अध्यक्ष है। पुलिस ने आशीष को हिरासत में लेकर पूछताछ की। शिंदे के मोबाइल की कॉल डिटेल और CCTV फुटेज से मिले सबूतों के आधार पर गिरफ्तारी की गई है।
पुलिस ने बताया कि आशीष ने KK श्रीवास्तव को फरारी में मदद की थी, जिसके सबूत CCTV फुटेज में मिले हैं। शिंदे ने आरोपी KK को कई दिन तक अपनी गाड़ी में छिपाकर घुमाया है।
पुलिस अब और नामों की तलाश में
पुलिस को शक है कि केके श्रीवास्तव के नेटवर्क में राजनीति और कारोबार से जुड़े लोग शामिल हो सकते हैं। पुलिस और साइबर क्राइम की टीम केके श्रीवास्तव के मोबाइल, बैंक अकाउंट और सोशल नेटवर्किंग चैट्स की डिजिटल फोरेंसिक जांच कर रही है
जानिए क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, कांग्रेस की सरकार में श्रीवास्तव का खासा दबदबा था। उसका सीएम हाउस में बे रोक टोक आना-जाना था। स्मार्ट सिटी और एनआरडीए में 500 करोड़ का काम दिलाने के लिए उसने दिल्ली के कारोबारी रावत एसोसिएट के मालिक अशोक रावत से 15 करोड़ लिए थे।
अशोक को जब ठेका नहीं मिला तो उसने पैसे वापस मांगे। श्रीवास्तव ने 17 सितंबर 2023 तक पैसे लौटाने का वादा किया। तय समय गुजरने के बाद पैसा नहीं दिया। रावत ने पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी तो उसने बेटे कंचन के खातों से 3.40 करोड़ लौटा दिए।
इसके अलावा तीन-तीन करोड़ के तीन चेक दिए।श्रीवास्तव को पुलिस ने 20 जून की रात भोपाल में छापा मारकर गिरफ्तार किया था। वहां वह हुलिया बदलकर रह रहा था