Uttar Pradesh: अयोध्या में विराजमान रामलला के स्मृति स्वरूप एक भव्य मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर अब सागौन की दुर्लभ और बहुमूल्य लकड़ियों से बनेगा. यह लकड़ियां महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका और कैरेबियन देशों से मंगाई जाएंगी. जानकारों के मुताबिक, यह लकड़ी प्रतिबंधित श्रेणी में आती है और इसकी गुणवत्ता और मजबूती इसे खास बनाती है.
फिलहाल स्ट्रक्चर का ले-आउट तैयार हो चुका है, लेकिन प्रतिकृति की डिजाइन पर आर्किटेक्ट्स की टीम दिन-रात काम कर रही है. पुराने स्ट्रक्चर को हटाकर नींव की खुदाई भी पूरी कर ली गई है. अब जमीन को समतल करने के लिए बार-बार पानी डालकर मिट्टी को बैठाया जा रहा है.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
राम मंदिर प्रतिकृति निर्माण की जिम्मेदारी तेलंगाना-हैदराबाद की इंटरनेशनल फर्नीचर कंपनी मेसर्स अनुराधा टिम्बर को सौंपी गई है. यही कंपनी पहले राम मंदिर के 98 दरवाजे बना चुकी है और इन्हें गोल्ड प्लेट भी कराया था. खास बात यह है कि इसी कंपनी ने भगवान राम की करीब छह फीट ऊंची लकड़ी की प्रतिमा भी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को भेंट की थी, जिसे वर्तमान में मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर मार्ग में विराजमान रखा गया है.
निर्माण कार्य में कन्याकुमारी के दक्ष कारीगर अपनी कला से चार चांद लगाएंगे. उम्मीद है कि विराजमान रामलला की इस स्मृति प्रतिकृति से भव्य राम मंदिर परिसर की भव्यता और आस्था नई ऊंचाइयों को छुएगी.
आपको बताते चलें कि सागौन की लकड़ी विश्वभर में टिकाऊपन और सुंदरता के लिए जानी जाती है, और अब इसी से रामलला का यह पवित्र स्मृति स्थल आकार लेगा.