केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सहकारिता मंत्रालय के चार साल पूरे होने पर गुजरात के आणंद में अमूल और नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) के विकास कार्यों का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने देशभर से आई सहकारी समितियों से जुड़ी महिलाओं और सदस्यों से संवाद किया और PACS (प्राथमिक कृषि सहकारी समिति) के विस्तार को लेकर कई अहम बातें कही।
डेयरी और सहकारी विश्वविद्यालय से होगा बड़ा बदलाव
अमित शाह ने कहा कि देश में उत्पादन और अनाजों की बिक्री से जुड़ी दो लाख नई PACS बनाई जाएंगी। इसके अलावा सहकारी विश्वविद्यालय और डेयरी से जुड़ी तीन नई सहकारी समितियां भी बनाई जाएंगी। इससे देश का सहकारी आंदोलन और मजबूत होगा।
धार की रुचिका परमार ने कहा- संस्था में है 2508 सदस्य, 15 करोड़ का टर्नओवर
धार जिले की नौगांव PACS की प्रबंधक रुचिका परमार ने बताया कि उनकी संस्था में 2508 सदस्य हैं। हम सालाना लगभग 15 करोड़ रुपये का नकद और खाद वितरण करते हैं। अभी खाद वितरण, समर्थन मूल्य और PDS का काम कर रहे हैं। हमारी संस्था के पास 1 एकड़ अनुपयोगी जमीन है, जिसमें मैरिज गार्डन खोलने का प्रस्ताव रखा है।
अमित शाह ने पूछा – जमीन कितनी है?रुचिका – एक एकड़।शाह ने कहा – जिला सहकारी बैंक से डिटेल लेकर आइए, हम जरूर लोन दिलाएंगे। PACS को आय बढ़ाने के लिए नई गतिविधियां अपनानी होंगी। हर घर नल योजना का मेंटेनेंस, CSC सेंटर, डेयरी, माइक्रो एटीएम, बैंक मित्र जैसे विकल्प हैं।
शाह ने पूछा – खाद का हिस्सा कितना है?
रुचिका – करीब 3 करोड़।शाह – व्यापार अच्छा कर रही हैं आप। यही दिशा है PACS की समृद्धि की।
सुदामा अछालिया बोलीं – ड्रिप से 75% तक बढ़ा मुनाफा
धार जिले के नालछा की किसान सुदामा अछालिया ने कहा कि पहले खेती में मुनाफा नहीं था, लेकिन अब हम मल्चिंग, ड्रिप जैसी आधुनिक तकनीक से टमाटर, मक्का और सोयाबीन की खेती कर रहे हैं। संस्था से बिना ब्याज लोन भी मिलता है।
शाह ने पूछा – मुनाफा कितना बढ़ा?सुदामा – 25% से बढ़कर 75% हो गया है।शाह – मंडी में भेजने की जगह भारत सरकार के एप पर रजिस्ट्रेशन कराओ, ताकि MSP से ज्यादा रेट मिलने पर आप बाजार में बेचो, कम रेट होने पर सरकार खरीदेगी।
सुदामा का सुझाव – मक्का लगाने की जो नई हाथ से चलने वाली मशीन है, वह अगर सोसाइटी में सब्सिडी पर मिले तो फायदा होगा।शाह ने जवाब दिया – हमने नई योजना शुरू की है, जिसमें PACS मशीनें लेकर किराए पर किसानों को दे सकती हैं। आप अपने PACS का नाम भेजिए।
रायसेन के कुंवर सिंह बोले – नेपियर घास से किसान को मिल रहा 1 लाख प्रति एकड़ मुनाफा
रायसेन के सलामतपुर PACS के कुंवर सिंह दांगी ने बताया कि उनकी समिति ने 50 एकड़ में नेपियर घास लगाई है, जिससे किसानों को कम लागत में प्रति एकड़ एक लाख रुपए तक का लाभ मिल रहा है। एक मशरूम कंपनी से टाईअप भी किया है।
शाह ने कहा – आपके बायलॉज में संशोधन हो चुका है, इसलिए अब और भी गतिविधियां कर सकते हैं। जिला सहकारी बैंक के इंस्पेक्टर्स से समझें कि और क्या-क्या किया जा सकता है।
कुंवर – पीएम अन्न भंडारण योजना के तहत 3000 टन का वेयरहाउस बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
खरगोन के वीरेंद्र सिंह बोले – जनऔषधि केंद्र से छह महीने में 8 लाख की बिक्री
वीरेंद्र सिंह चौहान, खरगोन की समिति के सदस्य हैं। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था जनऔषधि केंद्र चलाती है, जहां 50% से 90% तक सस्ती दवाएं मिलती हैं। छह महीने में करीब 8 लाख रुपये की बिक्री हुई है। एक B-Pharma केमिस्ट को नियुक्त किया है और घर-घर पर्चे बांटकर प्रचार भी किया है।
शाह ने पूछा – अस्पताल से कितनी दूर है केंद्र?वीरेंद्र – 300 मीटर।शाह – गांव में पर्चे लगवाओ कि BP की दवा सिर्फ 10% रेट पर मिलती है, इससे केंद्र पॉपुलर होगा।
शाह – डॉक्टर आपकी दवाएं लिखते हैं? वीरेंद्र – जी हां, डॉक्टर जनऔषधि की दवाएं लिखते हैं।
अमित शाह ने सभी प्रतिनिधियों को कहा कि PACS को केवल खाद वितरण तक सीमित न रखें। खाली जमीन का उपयोग करें, मशीन किराए पर दें, जनऔषधि केंद्र खोलें, और नई तकनीकों को अपनाएं ताकि गांव आत्मनिर्भर बनें और समितियां खुद लाभ में रहें।