पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और ठाकरे समूह राज्य में मराठी भाषा के मुद्दे पर एक साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आज भी दोनों दलों ने मीरा भयंदर में विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद राज ठाकरे ने पार्टी नेताओं को साफ आदेश दिया है. ठाकरे ने नेताओं से कहा है कि वे मेरी अनुमति के बिना किसी भी तरह के मीडिया से संवाद न करें.
राज ठाकरे ने इस बारे में ट्वीट कर कहा, स्पष्ट आदेश है, पार्टी में किसी को भी समाचार पत्रों, समाचार चैनलों या किसी भी डिजिटल मीडिया से बातचीत नहीं करनी चाहिए. साथ ही, उनकी प्रतिक्रियाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर बिल्कुल भी पोस्ट नहीं किए जाने चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि जिन प्रवक्ताओं को मीडिया से बातचीत करने की आधिकारिक जिम्मेदारी दी गई है, उन्हें यह भी आदेश दिया गया है कि वे मुझसे पूछे बिना और मेरी अनुमति लिए बिना किसी भी तरह के मीडिया से बातचीत न करें और सोशल मीडिया पर अपनी बात न रखें.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
एक स्पष्ट आदेश… पक्षातील कोणीही वर्तमानपत्रं, वृत्तवाहिन्या किंवा कोणत्याही डिजिटल माध्यमांशी संवाद साधायचा नाही. तसंच स्वतःचे प्रतिक्रियांचे व्हिडीओज सोशल मीडियावर टाकायचे हे पण अजिबात करायचं नाही.
आणि माध्यमांशी संवाद साधण्याची अधिकृत जबाबदारी ज्या प्रवक्त्यांना दिली आहे…
— Raj Thackeray (@RajThackeray) July 8, 2025
गठबंधन को लेकर चर्चाएं तेज
राज और उद्धव ठाकरे वर्ली में एक कार्यक्रम में साथ आए, तब से गठबंधन की चर्चाएं तेज हो गई हैं. मनसे और ठाकरे गुट के बीच गठबंधन की अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. साथ ही राज्य में मराठी बनाम अमराठी की बहस चल रही है. इन दोनों मुद्दों के केंद्र में मनसे है. राज और उद्धव ठाकरे वर्ली में एक कार्यक्रम में साथ आए, तब से गठबंधन की चर्चाएं तेज हो गई हैं.
आखिर राज ठाकरे ने क्यों सुनाया ये फरमान?
कई कार्यकर्ताओं ने इस संबंध में बयान दिए थे कि दोनों दलों के गठबंधन कर लेना चाहिए, इसलिए अब इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि राज ठाकरे ने कार्यकर्ताओं को इस संबंध में चर्चाएं बंद करने का आदेश दिया हो. वहीं, मनसे नेता मराठी बनाम अमराठी बहस पर भी आक्रामक रुख अपना रहे हैं, यही वजह है कि चर्चा है कि राज ठाकरे ने नेताओं को मीडिया से बात न करने का आदेश दिया है.