Madhya Pradesh: दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक में आने वाले हिनौती पुत्रीघाट और मझगवां गांव के ग्रामीण चार दिन तक अपने गांव से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. यहां पुल पर पानी होने के कारण किसी प्रकार का आवागमन नहीं हो सकता है. दो गांव के बीच आने वाला यह पुल पानी में डूबने के कारण 1300 ग्रामीणों को परेशानी उठानी पड़ी. बीमार लोग अस्पताल नहीं जा पाए वहीं बच्चे स्कूल नहीं पहुंच सके. गुरुवार को पुल से पानी कम होने पर यहां आवागमन शुरू हो सका. तेंदूखेड़ा ब्लाक में कई ऐसे गांव हैं, जहां बारिश के समय आवागमन बड़ा कठिन हो जाता है. पुल छोटे होने के चलते जरा सी बारिश में वह डूब जाते हैं और एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचने के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
हिनौती पुत्रीघाट और मझगवां गांव के लोगों का जिस मार्ग से आवागमन होता है. उस मार्ग में एक पुल पड़ता है जिसकी ऊंचाई बहुत कम है और बारिश के दिनों में यह अधिकांश दिन डूबा रहता है.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
हिनौती तेंदूखेड़ा जनपद के अधीन और झलोन तेजगढ़ के बीच मुख्य मार्ग पर पड़ने बाला गांव है। इसके बाजू से ग्राम पंचायत मझगवामांल है. जिसकी पुत्रीघाट से लगभग तीन से चार किलोमीटर दूरी है। इन दोनों गांव के बीच एक छोटा पूल पड़ता है जो काफी नीचा है और बारिश के समय अधिकांश दिन डूबा रहता है.
हिनौती पुत्रीघाट और मझगवां गांव में रहने बालों को यह पुल बारिश के दिनों में अभिशाप साबित हो रहा है, पंचायत रोजगार सचिव अजय तिवारी के अनुसार हिनौती पुत्रीघाट और मझगवां गांव की कुल जनसंख्या 1300 है. बारिश के मौसम में पुल डूबने के कारण यह लोग प्रभावित होते हैं. पुल का निर्माण प्रधानमंत्री प्राधिकरण विभाग द्वारा हुआ था। अभी बारिश होने से चार दिन तक पुल पानी में डूबा रहा और आवागमन पूरी तरह प्रभावित रहा.
शिक्षा, स्वस्थ सेवा ठप
ग्रामीण राजू राठौर ने बताया पुत्रीघाट और मझगवामॉल तक जो मार्ग जाता है उसके बीच पुल पड़ता है जिसका आकार काफी नीचा है. थोड़ी सी बारिश में पुल डूब जाता है और आवागमन बाधित होने लगता है. कई वर्षों से पुल को ऊंचा बनाने की माग कर रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही. मोहन सिंह ने बताया पुल छोटा है. बारिश के दिनों में बहाव तेज होने के कारण ग्रामीणों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. सबसे ज्यादा परेशानी बीमार और स्कूली बच्चों को होती है. समस्या के समाधान के लिए लगातार पंचायत के द्वारा पत्राचार करवा रहे हैं, लेकिन हम लोगों की समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है.