70 साल का छांगुर बाबा मांसपेशियाें को मजबूत रखने को मंगाता था ये तेल, स्टोर में मिली शीशी से सामने आया सीक्रेट

धर्मांतरण रैकेट के सरगना छांगुर बाबा की आलीशान कोठी की तलाशी में एक के बाद एक ऐसे खुलासे हो रहे हैं, जो इस पूरे नेटवर्क की जड़ों को और गहरा करते जा रहे हैं. 70 वर्षीय जमालुद्दीन उर्फ छांगुर ना केवल खुद को  ‘पीर’ की तरह पेश करता था बल्कि शारीरिक शक्ति बढ़ाने वाले विदेशी उत्पादों का इस्तेमाल कर लोगों को अपनी ‘रहस्यमयी’ छवि से प्रभावित करने की कोशिश करता था.

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जब छांगुर के बेडरूम तक पहुंची तो वहां से शारीरिक ताकत बढ़ाने वाली गोलियां और स्पेनिश ब्रांड का विशेष तेल बरामद हुआ. बताया जा रहा है कि इस तेल का प्रयोग वह अपनी मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए करता था. यह तेल छांगुर के बेडरूम से सटे स्टोर रूम में छिपाकर रखा गया था.

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बाबा की कोठी के अंदर जांच एजेंसियों को उर्दू में लेबल लगे डेली यूज प्रोडक्ट्स की भरमार मिली. कुछ वस्तुएं ऐसी थीं जो दुबई से आयात की गई थीं जैसे कि इत्र, डिटर्जेंट, खानपान का सामान और यहां तक कि कपड़े धोने के लिए इस्तेमाल होने वाला साबुन भी विदेश से मंगवाया गया था. हर वस्तु उसकी विदेशी शौक और विलासिता की आदतों की गवाही देती है. उसके आलीशान कमरे में इटैलियन स्टाइल का सोफा सेट, नक्काशीदार पलंग, महंगे गद्दे और परदे मिले. खास बात यह कि हर आने वाले व्यक्ति पर बाबा की नजरें थीं.पूरे परिसर में हाई-रेजोल्यूशन CCTV कैमरे लगे हुए थे. उसके बेडरूम से जुड़ा एक कंट्रोल रूम भी मिला, जहां से वह हर गतिविधि पर नजर रखता था.

1500 से ज्यादा महिलाओं को बनाया निशाना

जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पर आरोप है कि उसने अब तक तीन से चार हजार हिंदुओं को इस्लाम में परिवर्तित किया, जिनमें 1500 से अधिक महिलाएं शामिल थीं. यह महिलाएं गरीब, विधवा, निसंतान और मानसिक रूप से असहाय थीं. लालच, धमकी और शादी का झांसा देकर उन्हें फंसाया गया. धर्मांतरण का यह पूरा गिरोह शुरू में एसटीएफ की रडार पर आया, लेकिन पुख्ता सबूत मिलने के बाद जांच की कमान एटीएस को सौंप दी गई. अब एटीएस इस रैकेट से धर्म परिवर्तन के शिकार लोगों की पहचान करने में जुटी है.

अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क और दुबई कनेक्शन

छांगुर बाबा का नेटवर्क केवल भारत तक सीमित नहीं था. महाराष्ट्र और दुबई में पहले से उसकी सक्रियता सामने आई है. मुंबई में वह दरगाहों के बाहर अंगूठियां बेचकर शुरुआत करता था, और धीरे-धीरे धार्मिक भावनाओं का शोषण करते हुए एक अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण सिंडीकेट का हिस्सा बन गया. दुबई की कई संस्थाओं में उसकी गहरी पकड़ थी. उसने बलरामपुर में कदम रखने के बाद आसपास के जिलों में भी इस्लाम में धर्मांतरण कराने का अभियान शुरू किया. उसके कुछ रिश्तेदारों पर आजमगढ़ में भी केस दर्ज हुआ.

संपत्तियों और विदेशी खातों की जांच तेज

उसके सहयोगी नवीन रोहरा के नाम पर बलरामपुर में जमीनों की खरीद शुरू हो गई थी. जांच में सामने आया है कि उसके खातों में विदेशों से करोड़ों रुपये ट्रांसफर हुए, जो बाद में नीतू उर्फ नसरीन, महबूब और छांगुर बाबा के खातों में भेजे गए. सूत्रों का दावा है कि नवीन का एक खाता स्विस बैंक में भी है. सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह है कि छांगुर ने नवीन और नीतू की नाबालिग बेटी का दुबई में धर्मांतरण कराया, बावजूद इसके आज भी उसके दस्तावेज हिंदू नाम से ही मौजूद हैं. छांगुर बाबा हर साल बलरामपुर की चांद औलिया दरगाह में उर्स कराता था, जहां विदेशों से लोग आते थे. इस आयोजन को ही वह अपने नेटवर्क विस्तार का माध्यम बनाता था.

एनआईए और आईबी की टीम भी करेगी पूछताछ

कोर्ट ने छांगुर बाबा और नीतू को 7 दिन की एटीएस रिमांड पर भेजा है. रिमांड के दौरान एनआईए, आईबी और अन्य एजेंसियां भी पूछताछ करेंगी. बलरामपुर में धर्मांतरण से जुड़े दस्तावेजों की बरामदगी, विदेशी फंडिंग के सोर्स, और गैंग के अन्य सदस्यों की जानकारी जुटाई जाएगी. मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फॉरेंसिक जांच भी होगी.

 

 

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