रायपुर में यूपी-झारखंड-बिहार के मजदूरों को बंधक बनाया:पीड़ित बोले-फैक्ट्री मालिकों ने जानवरों की तरह पीटा,

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की एक मशरूम फैक्ट्री में उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के 97 मजदूरों को बंधक बनाकर रखा गया था। इन मजदूरों को फैक्ट्री में बिना वेतन के जबरन काम कराया जा रहा था। महिला एवं बाल विकास विभाग ने इन मजदूरों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला है। इनमें महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल हैं।

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मामला खरोरा थाना क्षेत्र का है। इसका खुलासा जब हुआ जब कुछ मजदूर फैक्ट्री मालिकों की प्रताड़ना से तंग आकर 2 जुलाई को रात फैक्ट्री से भाग निकले। वे लगभग 15–20 किलोमीटर तक पैदल चलकर रायपुर पहुंचे। वहां वे भाठागांव बस स्टैंड पर पहुंचे, जहां कुछ स्थानीय लोगों ने उनकी हालत देखकर मदद की और उन्हें पुलिस तक पहुंचाया।

पीड़ित मजदूरों ने शिकायत में बताया है कि उन्हें रात में उठाकर काम करने के लिए कहा जाता था। नहीं उठने पर फैक्ट्री मालिक जानवरों की तरह मारपीट करते थे। एक मजदूर के पैर की उंगली पर ब्लेड चला दिया। हर दिन 18 घंटे काम करवाया जाता था।

अधिकारियों के मुताबिक रेस्क्यू किए गए लोगों में यूपी के भदोही जिले से 30, जौनपुर जिले से 38 और बनारस से 5 लोग हैं। बाकी बिहार-झारखंड के रहने वाले हैं।

इसके बाद मजदूरों ने फैक्ट्री मालिकों विकास तिवारी, विपिन तिवारी और नितेश तिवारी के खिलाफ कार्रवाई करने की शिकायत SP से की। साथ ही वहां फंसे मजदूरों के रिहाई के लिए गुहार लगाई। मजदूरों ने एसपी को लिखे शिकायत पत्र में फैक्ट्री में प्रताड़ना का जिक्र किया।

मजदूरों ने बताया कि उनके साथ फैक्ट्री मालिक जानवरों से बर्ताव करते थे। उन्हें हर दिन 18 घंटे तक काम करना पड़ता था, लेकिन मालिक उन्हें एक रुपया भी नहीं देता था। इतना ही नहीं, उन्होंने हमारे मोबाइल फोन और आधार कार्ड भी छीन लिए थे ताकि वे किसी से संपर्क न कर सकें और फैक्ट्री से बाहर न जा सकें।

 

 

 

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