छत्तीसगढ़ में रायपुर के टाइगर रिजर्व में इस समय खुशी का माहौल है. दो दिन पहले ही इस जंगल में काला तेंदुआ देखा गया है. दुर्लभ प्रजाति का यह तेंदुआ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में बहुत कम देखा जा रहा है. इसके लिए जगह जगह इस प्रजाति के संरक्षण की दिशा में काम चल रहा है. अब छत्तीसगढ़ के अचानकमार टाइगर रिजर्व में इस तेंदुए के देखे जाने के बाद वन्यजीव प्रेमियों में खुशी का माहौल है. खुद राज्य के वन मंत्री केदार कश्यप ने अपने हैंडल से इस तेंदुए की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की हैं.
उन्होंने इस घटना को दुर्लभ करार देते हुए छत्तीसगढ़ के लिए उपलब्धि बताया है. उन्होंने अपने हैंडल से इसके लिए राज्य के वन विभाग को बधाई देते हुए कहा कि मेलनिस्टिक लेपर्ड (काला तेंदुआ) की आबादी बढ़ाने के लिए प्रयास जारी रहने चाहिए. उधर, अचानकुमार टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के मुताबिक रविवार-सोमवार की रात जंगल में लगे हाई डेनसिटी कैमरे में इस दुर्लभ तेंदुए की तस्वीरें कैद हुई है. सोमवार की सुबह जब इन तस्वीरों को वन अधिकारियों ने देखा तो खुशी से नाच उठे.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
दुनिया भर में दुर्लभ है ये प्रजाति
इसकी जानकारी वन मंत्री को हुई तो वह भी खुद को नहीं रोक पाए और इस तेंदुए की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी. इन तस्वीरों को अब खूब शेयर किया जा रहा है. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक काला तेंदुआ प्रजाति दुनिया भर में अब लुप्त होने की कगार पर है. इस लिए इनके संरक्षण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. भारत में इनकी संख्या अब उंगलियों पर गिनने लायक रह गई है. अब अचानकमार टाइगर रिजर्व में इस तेंदुए को देखा गया है. इससे उम्मीद है कि यहां अब पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ने वाली है.
एक कुंटल वजन और 60 किमी है स्पीड
जंगल का भूत, मेलेनिस्टिक तेंदुआ, काला तेंदुआ आदि नामों से विख्यात यह प्रजाति रॉयल बंगाल टाइगर और एशियाई शेर के परिवार से संबंध रखता है. इसकी स्पीड 60 किमी प्रतिघंटा या इससे भी अधिक होती है. यह प्रजाति आमतौर पर दिन भर सोने वाली और पूरी रात घूमकर शिकार करने वाली है. इस प्रजाति की खासियत है कि पलक झपकते पेंड़ पर चढ़ जाती है और काला रंग होने की वजह से नजरों के सामने ही अंधेरे में गुम भी हो जाती है.इस प्रजाति के जीव आमतौर पर चीतल, हिरण और जंगली सूअर का शिकार करते हैं. अधिकारियों के मुताबिक इस प्रजाति के तेंदुए आम तौर 8 से नौ फीट लंबे होते हैं और इनका वजन एक कुंटल के आसपास होता है.