जब मैं ऊपर गया, खून से लथपथ मेरी भतीजी…’, राधिका यादव हत्याकांड में हुई चाचा की एंट्री, खोला ये राज

गुरुवार का दिन था और सुबह के साढ़े 10 बज रहे थे. तभी हमें जोरदार धमाके की आवाज आई. मैं और मेरा बेटा दौड़कर फर्स्ट फ्लोर पर गए, वहां… हरियाणा के गुरुग्राम की टेनिस प्लेयर राधिका यादव के चाचा ने जैसे ही बात बताई वो थोड़ी देर के लिए शांत हो गए. फिर रुआंसे स्वर में पुलिस को राधिका के कत्ल के बाद क्या-क्या हुआ, उन्होंने अपनी आंखोदेखी बताई. कुलदीप यादव का घर ग्राउंड फ्लोर पर है. जबकि, राधिका अपने परिवार के साथ फर्स्ट फ्लोर पर रहती थी.

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10 जुलाई को राधिका के पिता दीपक ने उनपर उस वक्त एक के बाद एक 5 गोलियां बरसाईं, जब वो किचन में खाना बना रही थीं. मां मंजू यादव बीमार थीं, इसलिए कमरे में आराम कर रही थीं. राधिका के चाचा ने जो पुलिस को बयान दिया है, उसके मुताबिक- मैं राधिका का चाचा हूं. हम गुरुग्राम के सेक्टर- 57 में रहते हैं. मैं अपनी बीवी और दो बच्चों अनमोल एवं पीयूष के साथ ग्राउंड फ्लोर पर रहता हूं. इसी घर के फर्स्ट फ्लोर पर मेरे बड़े भैया दीपक और उनकी फैमिली रहती हैं. बड़े भैया के भी दो बच्चे हैं. बड़ा बेटा धीरज और छोटी बेटी राधिका थी.

कुलदीप ने बताया- सुबह साढ़े 10 बजे हमें जोरदार धमाके की आवाज आई. मैं और मेरा बेटा पीयूष दौड़कर भैया के घर पहुंचे. वहां देखा तो राधिका खून से लथपथ हालत में पड़ी हुई थी. धीरज तो काम से बाहर गया था. घर पर सिर्फ भैया दीपक और भाभी मंजू सहित राधिका ही थी. मेरे भैया के पास .32 बोर की लाइसेंसी रिवॉल्वर है. हमने देखा राधिका की कमर पर गोलियां दागी गई हैं. मैंने और पीयूष ने राधिका को तुरंत सेक्टर- 56 के Asia Marinho Hospital लेकर पहुंचे. वहां डॉक्टरों ने राधिका को मृत घोषित कर दिया.

चाचा ने कहा- परिवार में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं थी. पता नहीं भैया ने मेरी भतीजी को क्यों मार डाला. हम सभी खुद इस घटना से हैरान हैं. हमें यकीन ही नहीं हो रहा कि भैया ऐसा भी कुछ कर सकते हैं.

इसलिए खोली थी राधिका ने टेनिस एकेडमी

पुलिस ने आरोपी दीपक यादव को गिरफ्तार कर लिया है. उसकी लाइसेंसी रिवॉल्वर को भी जब्त कर लिया है. राधिका यादव हरियाणा की एक उभरती हुई टेनिस प्लेयर थीं. उन्होंने स्टेट लेवल पर कई टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था. 23 मार्च 2000 को जन्मी राधिका की अंतर्राष्ट्रीय टेनिस महासंघ (ITF) में युगल टेनिस खिलाड़ी के रूप में 113 रैंकिंग थी. कुछ वक्त पहले टेनिस खेलते समय राधिका चोटिल हो गई थी. राधिका जानती थी कि वो जल्दी रिकवर नहीं कर पाएगी, इसलिए उसने अपनी टेनिस अकादमी खोल ली थी. वो अच्छा खासा कमा रही थी.

सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर बनना चाहती थी

पुलिस को दीपक ने कबूलनामा ने कहा- मुझे लोग ताना देते थे कि मैं बेटी के पैसों पर पल रहा हूं. मेरी बेटी पर लोग गंदे इल्जाम लगाते थे कि वो गलत काम करती है. मैं यह सब बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था. मैंने राधिका से कहा भी कि वो एकेडमी बंद कर दे. मगर उसने मेरी बात नहीं मानी. इसीलिए मैंने लोगों के तानों से परेशान होकर उसे मार डाला. हालांकि, इस केस में दूसरा एंगल भी सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राधिका ने पिछले साल एक गाने में काम किया था. इस गाने का नाम था कारवां, जो जीशान अहमद ने प्रोड्यूस किया था. बताया ये भी जा रहा है कि राधिका सोशल मीडया इंफ्लुएंसर बनना चाहती थी. जबकि, राधिका के पिता गाने के वीडियो को डिलीट करने को कह रहे थे. राधिका ने उनकी बात नहीं मानी तो पिता ने उन्हें मार डाला. इस बात की फिलहाल पुष्टि नहीं हुई है. मामले में जांच जारी है.

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