गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में उस समय हड़कंप मच गया, जब एनेस्थीसिया विभाग में कार्यरत एक युवा डॉक्टर संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए. मृतक डॉक्टर की पहचान 32 वर्षीय अबिषो डेविड के रूप में हुई है, जो केरल के तिरुअनंतपुरम के निवासी थे. वे मेडिकल कॉलेज के 100 सीटेट पीजी बॉयज हॉस्टल में रह रहे थे और एनेस्थीसिया विभाग में जूनियर रेजिडेंट (जेआर-3) के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे.
दरअसल, आज सुबह रोज की तरह जब अबिषो डेविड समय पर विभाग में उपस्थित नहीं हुए तो विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार ने कर्मचारी को उनके हॉस्टल रूम में भेजा. कर्मचारी जब हॉस्टल पहुंचा तो उसने पाया कि कमरे का दरवाजा अंदर से बंद है और खटखटाने व आवाज लगाने पर कोई उत्तर नहीं मिल रहा.
हालात संदिग्ध देख कर्मचारी ने तुरंत विभागाध्यक्ष को सूचना दी. स्थिति को देखते हुए डॉ. सतीश कुमार स्वयं अन्य डॉक्टरों और कर्मचारियों के साथ हॉस्टल पहुंचे. काफी प्रयासों के बाद जब दरवाजा नहीं खुला तो उसे तोड़ने का निर्णय लिया गया. दरवाजा तोड़कर जब अंदर प्रवेश किया गया तो अबिषो बेड पर मृत पड़े मिले.
घटना की सूचना मिलते ही प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल, कई वरिष्ठ चिकित्सक, शिक्षक और रेजिडेंट डॉक्टर मौके पर पहुंच गए. गोरखपुर के गुलरिहा थाना पुलिस को तत्काल सूचित किया गया, जिसने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ
घटनास्थल से किसी प्रकार का स्पष्ट सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, जिससे उनकी मृत्यु को लेकर रहस्य और गहरा गया है. हालांकि, कुछ लोगों का दावा है कि कमरे से कोई सुसाइड नोट मिला था, जिसे पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया है, लेकिन पुलिस ने इस दावे को नकारते हुए कहा है कि उन्हें अभी तक कोई सुसाइड नोट प्राप्त नहीं हुआ है.
मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने कमरे से आवश्यक नमूने और संभावित साक्ष्य इकट्ठा किए हैं. हॉस्टल के अन्य रेजिडेंट डॉक्टरों और कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि घटना के पीछे की कड़ियों को जोड़ा जा सके. घटना की सूचना प्रशासन को भी दे दी गई है. पूरे मेडिकल कॉलेज परिसर में इस घटना के बाद शोक और सन्नाटे का माहौल व्याप्त है. हॉस्टल में रहने वाले अन्य छात्रों में दहशत और असमंजस की स्थिति है. मरीजों के तीमारदारों की भीड़ भी परिसर में जमा हो गई, जिससे कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया.
साथी डॉक्टरों ने जताया दुख
विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि डॉक्टर अबिषो डेविड की मौत स्वाभाविक थी या आत्महत्या. उन्होंने कहा- ‘स्थिति पूरी तरह से संदिग्ध है, कोई ठोस कारण सामने नहीं आया है. हम पुलिस और फॉरेंसिक टीम के साथ पूरी जांच में सहयोग कर रहे हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट और साक्ष्यों के विश्लेषण के बाद ही सही स्थिति का खुलासा हो सकेगा.’
वहीं, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल ने भी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमारे एक दुखद घटना है. उन्होंने कहा कि हॉस्टल और विभाग से जुड़े सभी पहलुओं की गहनता से जांच की जाएगी, ताकि यह पता चल सके कि कहीं कोई मानसिक दबाव, पारिवारिक परेशानी या अन्य कोई कारण तो घटना के पीछे नहीं है.
जांच में जुटी पुलिस
पुलिस के अनुसार, सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए मामले की पड़ताल की जा रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही मौत के कारण का अंतिम निष्कर्ष निकल सकेगा. बताया जा रहा है कि डॉ. अबिषो डेविड अपने सहकर्मियों के बीच मृदुभाषी, जिम्मेदार और समर्पित डॉक्टर के रूप में जाने जाते थे. उनकी इस प्रकार रहस्यमयी मृत्यु ने उनके साथियों और शिक्षकों को गहरे शोक में डाल दिया है.
फिलहाल, मेडिकल कॉलेज के छात्र, डॉक्टर और प्रशासन एक ही सवाल में उलझे हैं कि क्या यह मौत आत्महत्या है या कोई और राज छुपा हुआ है? क्या मानसिक तनाव या व्यक्तिगत कारण इस घटना के पीछे हैं? यह सब पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच पूरी होने के बाद ही सामने आ सकेगा.