महाराष्ट्र में होटल और रेस्टोरेंट उद्योग सरकार की कर नीतियों के खिलाफ खुलकर सामने आ गया है. इंडियन होटल एंड रेस्टोरेंट असोसिएशन (AHAR) ने सोमवार, 14 जुलाई 2025 को राज्यव्यापी बंद का ऐलान किया है. इस बंद के तहत पूरे महाराष्ट्र में सभी परमिट रूम्स और बार पूरी तरह से बंद रहेंगे.
उद्योग से जुड़े संगठनों का आरोप है कि सरकार ने हाल ही में शराब पर वैट को दोगुना कर दिया है, जिससे होटल और बार उद्योग पर आर्थिक बोझ कई गुना बढ़ गया है। इसके अलावा, लाइसेंस फीस में 15% की वृद्धि और एक्साइज ड्यूटी में 60% की भारी बढ़ोतरी ने उद्योग जगत को झकझोर कर रख दिया है.
AHAR और अन्य संगठनों का कहना है कि यह टैक्स बढ़ोतरी न केवल व्यापार के लिए नुकसानदायक है, बल्कि छोटे और मध्यम स्तर के होटलों तथा बारों के अस्तित्व पर सीधा खतरा बन गई है. हजारों लोगों की नौकरियों और लाखों परिवारों की रोज़ी-रोटी इस संकट से प्रभावित हो सकती है.
AHAR के अध्यक्ष ने बयान जारी कर कहा, सरकार की हालिया कर नीति बेहद अन्यायपूर्ण है. हमने कई बार प्रशासन को इस विषय में अवगत कराया, लेकिन कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली. इसीलिए हमें मजबूर होकर राज्यव्यापी बंद का निर्णय लेना पड़ा है.
बंद का पूरे राज्य में प्रभाव
14 जुलाई को घोषित बंद पूरे महाराष्ट्र में प्रभावी रहेगा. बंद के दौरान सभी परमिट रूम्स, बार और शराब परोसने वाले होटल-रेस्टोरेंट पूरी तरह बंद रहेंगे. संगठन ने साफ किया है कि यह बंद शांतिपूर्ण रहेगा लेकिन यदि सरकार ने अब भी संज्ञान नहीं लिया, तो आंदोलन और उग्र हो सकता है.
बंद का असर मुंबई, पुणे, नासिक, औरंगाबाद, नागपुर जैसे प्रमुख शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी देखने को मिलेगा. होटल, बार और रेस्टोरेंट से जुड़े अन्य संगठनों ने भी AHAR के इसआह्वान को समर्थन देने की बात कही है.
सरकार पर दबाव बढ़ाने की रणनीति
AHAR का कहना है कि यह बंद कोई राजनीतिक आंदोलन नहीं है, बल्कि उद्योग के अस्तित्व की लड़ाई है. एसोसिएशन की ओर से जारी बयान में कहा गया, हम सरकार से न्यायसंगत कर नीति और स्थिर व्यापारिक माहौल की मांग कर रहे हैं। अगर हमारी बात नहीं सुनी गई, तो आंदोलन की दिशा और तीव्रता दोनों बदल सकती है.