मध्य प्रदेश के कटनी और पन्ना की घाटियों में हो रही मूसलाधार बारिश से केन नदी में बाढ़ की स्थिति बन गई है. केन नदी का जलस्तर पिछले 10 दिनों में बांदा में करीब 10 मीटर बढ़ चुका है. हालांकि यह अभी खतरे के निशान से 4 मीटर नीचे है.
केन नदी कटनी के पहाड़ों से निकलकर पन्ना जिले के गंगऊं और बरियारपुर बियर होते हुए बांदा में प्रवेश करती है. वर्तमान में गंगऊ और बरियारपुर बियर की क्रस्ट वॉल से 6 फीट ऊंची जलधारा गिर रही है। प्रतिदिन लगभग 90 हजार क्यूसेक पानी नदी में डिस्चार्ज हो रहा है.
बाढ़ की स्थिति से पैलानी क्षेत्र के खपटिहा कलां और सिंधन कलां सहित करीब एक दर्जन गांव प्रभावित हुए हैं. इन गांवों के संपर्क मार्ग जलमग्न हो चुके हैं. स्थानीय लोग नावों का सहारा ले रहे हैं या तैरकर आवागमन कर रहे हैं.
खपटिहा स्थित इंटर कॉलेज के छात्रों को विशेष परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें नाव से विद्यालय आना पड़ रहा है. जिला प्रशासन ने बाढ़ से निपटने की तैयारियां की हैं. संवेदनशील स्थानों पर निगरानी कीजा रही है. बाढ़ चौकियां पूरी तरह सक्रिय कर दी गई हैं. राजस्व कर्मियों और प्रधानों को प्रभावित क्षेत्रों में यातायात और राहत कार्यों के लिए निर्देशित किया गया है.
इस मामले में बांदा डीएम जे रीभा का कहना है कि अभी केन नदी खतरे के निशान से नीचे है और खतरे के निशान से दूर है लेकिन पैलानी तहसील के कुछ क्षेत्रों में निचले गांवों का संपर्क मार्ग प्रभावित हुआ है जिसके लिए टीम को तैनात किया गया है और नावों का भी बंदोबस्त किया गया है इसके साथ ही पूरे क्षेत्र में मॉनिटरिंग की जा रही है.