इसरो ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. उसने गगनयान मिशन के लिए सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम (SMPS) का विकास सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. यह मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है, जो बनाया जा रहा है.
क्या है SMPS?
SMPS गगनयान के सर्विस मॉड्यूल का एक हिस्सा है, जो अंतरिक्ष यान को कक्षा में स्थिर रखने, नियंत्रण करने और जरूरत पड़ने पर मिशन को रद्द करने में मदद करता है. यह एक रेगुलेटेड बाय-प्रोपेलेंट आधारित सिस्टम है, जो ऑर्बिटल मॉड्यूल की कई जरूरतों को पूरा करता है.
हॉट टेस्ट की सफलता
शुक्रवार को, इसरो ने SMPS का 350 सेकंड का फुल ड्यूरेशन हॉट टेस्ट किया. इस टेस्ट का मकसद यह सुनिश्चित करना था कि सिस्टम ऑफ-नॉमिनल मिशन प्रोफाइल के दौरान भी सही तरीके से काम करे. प्रोपल्शन सिस्टम का समग्र प्रदर्शन हॉट टेस्ट के दौरान प्री-टेस्ट प्रेडिक्शंस के अनुसार सामान्य रहा.
SMPS कैसे काम करता है?
SMPS में दो मुख्य हिस्से हैं…
लिक्विड एपोजी मोटर (LAM) इंजन: ये इंजन ऑर्बिट सर्कुलराइजेशन और डी-बूस्ट फेज के दौरान मुख्य प्रोपल्सिव फोर्स प्रदान करते हैं. यानी ये अंतरिक्ष यान को सही कक्षा में पहुंचाने और जरूरत पड़ने पर नीचे लाने में मदद करते हैं.
रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम (RCS) थ्रस्टर्स: ये थ्रस्टर्स सटीक एटीट्यूड कंट्रोल सुनिश्चित करते हैं, जिससे अंतरिक्ष यान सही दिशा में रहता है.
Gaganyaan Service Module ISRO
टेस्ट और विकास
इसरो ने एक सिस्टम डEMONस्ट्रेशन मॉडल (SDM) टेस्ट बेड तैयार किया, जो SMPS के फ्लूइड सर्किट की नकल करता है. इसमें प्रोपेलेंट टैंक फीड सिस्टम, हीलियम प्रेशराइजेशन सिस्टम, फ्लाइट-क्वालिफाइड थ्रस्टर्स और कंट्रोल कंपोनेंट्स शामिल हैं.
SDM ने विभिन्न गगनयान मिशन परिदृश्यों और मानव रेटिंग आवश्यकताओं के लिए 14,331 सेकंड के कुल समय के लिए 25 टेस्ट किए हैं. ये टेस्ट नाममात्र और ऑफ-नॉमिनल स्थितियों में किए गए, ताकि सिस्टम की विश्वसनीयता सुनिश्चित हो सके.
कहां और कैसे बनाया गया?
गगनयान सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम को लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) द्वारा डिज़ाइन, विकसित और रियलाइज़ किया गया है. टेस्ट तमिलनाडु के महेंद्रगिरी में इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (IPRC) में किए गए.