ऑनलाइन गेमिंग से शुरू हुआ जुनून, कट्टरपंथ तक पहुंचा, , ‘मुजाहिद मियां’ नाम से यूट्यूब चैनल बनाकर संवेदनशील वीडियो करता था पोस्ट

भीलवाड़ा : ऑनलाइन गेमिंग अब सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि युवाओं को गुमराह करने का एक खतरनाक जरिया भी बनता जा रहा है.राजस्थान के भीलवाड़ा में रहने वाला एक युवक, मोहम्मद सोहेल भिश्ती, इसका ताजा उदाहरण है, जिसकी गिरफ्तारी और चार्जशीट ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

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सोहेल भिश्ती, जो एक समय ‘फ्री फायर’ जैसे पॉपुलर मोबाइल गेम का शौकीन था, उसी गेम के जरिये कट्टरपंथी संपर्कों में आया और धीरे-धीरे देशविरोधी गतिविधियों की ओर बढ़ता चला गया. एटीएस ने भिश्ती के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। उस पर UAPA की धारा 13 के तहत केस दर्ज किया गया है.

सोशल मीडिया से फैलाई कट्टरपंथी विचारधारा

जांच एजेंसियों के अनुसार, भिश्ती सोशल मीडिया के माध्यम से कट्टरपंथी विचारधारा फैलाता था. वह कई प्रतिबंधित संगठनों के संपर्क में भी रहा. यही नहीं, ‘मुजाहिद मियां’ नाम से यूट्यूब चैनल बनाकर वह संवेदनशील वीडियो पोस्ट करता और कट्टरपंथी ग्रुप्स में शेयर करता था.

फॉरेंसिक जांच और सरकारी अनुमति के बाद कार्रवाई तेज

राजस्थान एटीएस ने 15 दिसंबर 2023 को उसकी गिरफ्तारी की थी. इसके बाद फरवरी 2024 में फॉरेंसिक रिपोर्ट और मार्च में राज्य सरकार की अनुमति मिलने के बाद उस पर कानूनी शिकंजा कसता गया. एक विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति के साथ अब यह मामला नियमित रूप से कोर्ट में सुना जाएगा.

अंतरराष्ट्रीय ग्रुप्स से संपर्क

भिश्ती के मोबाइल से मिले डेटा में पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश के कट्टरपंथी तत्वों से संपर्क का खुलासा हुआ है. जांच में ‘पीएफआई गिल्ड’ जैसे ग्रुप्स के साथ उसकी गतिविधियों के सबूत भी सामने आए हैं.

सवालों के घेरे में ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स

इस मामले ने अभिभावकों, शिक्षकों और सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता बढ़ा दी है. एक साधारण गेमिंग एप के जरिये कैसे युवा कट्टरपंथ की ओर मुड़ सकते हैं, यह मामला उसका ज्वलंत उदाहरण बन गया है.

समाज को चाहिए सतर्कता

भिश्ती का मामला बताता है कि अब समय आ गया है जब ऑनलाइन गतिविधियों की निगरानी सिर्फ कानून व्यवस्था की नहीं, बल्कि समाज की भी जिम्मेदारी बन चुकी है. माता-पिता और शिक्षक वर्ग को इस दिशा में और जागरूक होने की जरूरत है ताकि युवा वर्ग को समय रहते गुमराह होने से रोका जा सके.

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