-Ad-

अखिलेश यादव के ‘PDA’ फॉर्मूले पर मनीष यादव का पलटवार: ‘परिवार, डिंपल और अखिलेश का फॉर्मूला’ – सपा से निष्कासित नेता ने लगाए गंभीर आरोप

इटावा : समाजवादी पार्टी में उस समय एक नया बवाल खड़ा हो गया जब पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निष्कासित किए गए नेता मनीष यादव ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके बहुचर्चित ‘PDA’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले पर तीखे सवाल खड़े कर दिए. मनीष यादव के निष्कासन की कार्रवाई समाजवादी पार्टी की इटावा इकाई के अध्यक्ष प्रदीप शाक्य ने पार्टी हाईकमान के निर्देश पर की थी. प्रदीप शाक्य ने बताया कि मनीष यादव लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे, जिसके चलते यह कड़ा कदम उठाया गया.

Advertizement

 

निष्कासन के तुरंत बाद मनीष यादव ने इटावा में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए अखिलेश यादव और उनकी पार्टी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने घोषणा की कि उन्होंने अपनी गाड़ी और घर से समाजवादी पार्टी का झंडा उतार कर फेंक दिया है. यादव ने अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले की अपनी अलग ही व्याख्या प्रस्तुत की, जो सीधे तौर पर सपा अध्यक्ष पर व्यक्तिगत हमला मालूम पड़ती है.

 

मनीष यादव ने कहा, “पीडीए में ‘पी’ से परिवार, ‘डी’ मतलब डिंपल, और ‘ए’ यानी अखिलेश है.” उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, क्योंकि यह सीधे तौर पर अखिलेश यादव के परिवार केंद्रित राजनीति पर उंगली उठा रहा है.

 

मनीष यादव ने अखिलेश यादव पर समाज में बिखराव की राजनीति करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पीडीए फॉर्मूला इसी बिखराव की राजनीति का प्रतीक है. उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव के रवैये पर भी सवाल उठाया. मनीष यादव के अनुसार, इटावा के कथावाचकों के अपमान के मामले में जब वह खुद मुसीबत में थे, तब अखिलेश यादव ने उन्हें लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में बुलाया और उनसे गाना सुनने को कहा, जो कि उस समय की स्थिति में बिल्कुल भी जरूरी नहीं था.

 

 

उन्होंने कहा, “वो खुद मुसीबत में थे, ऐसे में उनसे गाना सुनना कोई जरूरी नहीं था.” मनीष यादव के इन बयानों से स्पष्ट है कि समाजवादी पार्टी के भीतर, खासकर स्थानीय स्तर पर, मतभेद गहरा रहे हैं और यह निष्कासन और उसके बाद के बयान पार्टी की आंतरिक कलह को उजागर कर रहै है.

Advertisements