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Bihar: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही से गई मरीज की जान, परिजनों ने किया हंगामा

पश्चिम चम्पारण: बेतिया के मैनाटाड़ प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रविवार को चिकित्सकीय लापरवाही और एंबुलेंस कर्मियों के आपसी विवाद के चलते एक मरीज की मौत हो गई. मृतक रैफूल अंसारी (50 वर्ष), बसंतपुर गांव के निवासी थे, जिन्हें गंभीर स्थिति में परिजन सुबह करीब 9 बजे अस्पताल लेकर पहुंचे थे.

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परिजनों के अनुसार अस्पताल पहुंचने पर वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था, जबकि रोस्टर के अनुसार उस समय दो डॉक्टरों की ड्यूटी थी. मरीज की हालत लगातार बिगड़ती रही, लेकिन डॉक्टरों के नदारद रहने से इलाज नहीं हो सका. कुछ देर बाद जब डॉक्टर अस्पताल पहुंचे, तब परिजनों ने इलाज की गुहार लगाई. डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार देने के बाद मरीज की हालत गंभीर बताकर जीएमसीएच बेतिया रेफर कर दिया. इसके बाद परिजन मरीज को तुरंत रेफर अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की तलाश करने लगे. अस्पताल परिसर में दो एंबुलेंस मौजूद थीं, लेकिन दोनों एंबुलेंस कर्मी एक-दूसरे को मरीज ले जाने की जिम्मेदारी देने लगे और कोई भी जाने को तैयार नहीं हुआ.

परिजनों ने कई बार एंबुलेंस कर्मियों से मिन्नतें कीं, लेकिन आपसी खींचतान में कीमती समय निकलता गया. एक घंटे से अधिक समय तक परिजन एंबुलेंस के लिए भटकते रहे, लेकिन समय पर सुविधा नहीं मिलने के कारण रैफूल अंसारी ने दम तोड़ दिया। मौत के बाद परिजनों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने डॉक्टरों व अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए विरोध जताया.

घटना की सूचना मिलते ही उप प्रमुख खुर्शीद आलम मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभालते हुए परिजनों को शांत किया. साथ ही उन्होंने सिविल सर्जन से दूरभाष पर बात कर पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई. इस संबंध में डॉक्टर विजय कुमार चौधरी ने कहा कि डॉक्टर ड्यूटी पर मौजूद थे, लेकिन एंबुलेंस कर्मियों की लापरवाही सामने आई है. उन्होंने आश्वासन दिया कि इस गंभीर लापरवाही के लिए संबंधित कर्मियों पर कार्रवाई हेतु वरीय अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा. इस घटना ने एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली और जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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