मध्य प्रदेश : कुख्यात बदमाश अब्दुल रज्जाक उर्फ पहलवान गैंग को पुलिस कार्रवाई के बाद एक और तगड़ा झटका लगा है। पुलिस की सख्ती के चलते अब न केवल गैंग के सदस्य गिरफ्त में हैं, बल्कि उनके अवैध कारोबारी नेटवर्क पर भी शिकंजा कसना शुरू हो गया है. गैंग के आर्थिक स्रोतों को ध्वस्त करने की रणनीति के तहत रज्जाक के भतीजे अजहर द्वारा संचालित सुप्रा डायग्नोस्टिक सेंटर का पंजीयन मंगलवार को पुलिस के प्रतिवेदन के बाद जिला प्रशासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने निरस्त कर दिया गया है, वहीं उसके साथ लगे अवैध कॉस्मेटिक क्लीनिक को भी सील कर दिया गया है.
मंगलवार को सभी आरोपियों की रिमांड खत्म होने जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि पुलिस पुन: उनको रिमांड में लेने के लिए न्यायालय में डिमांड कर सकती है.
आकस्मिक निरीक्षण में उजागर हुई अनियमितताए,
गौरतलब है कि 11 जुलाई को जिला प्रशासन द्वारा गठित संयुक्त टीम ने राइट टाउन स्थित सुप्रा डायग्नोस्टिक (ए यूनिट ऑफ सुप्रा एंटरप्राइजेज) और सेंटर के बगल में बिना किसी वैध अनुमति के संचालित कॉस्मेटिक हब क्लीनिक का आकस्मिक निरीक्षण किया था.इस निरीक्षण में मध्यप्रदेश रुजोपचार गृह एवं रुजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन) अधिनियम के तहत कई गंभीर अनियमितताएं उजागर हुईं। जांच रिपोर्ट के आधार पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय मिश्रा ने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया कि उक्त संस्थाएं अब किसी भी प्रकार की चिकित्सा सेवा या उपचार प्रक्रिया नहीं कर सकेंगी.
ये था मामला,
पिछले सप्ताह पुलिस ने जब सिवनी जिले के एक रिसॉर्ट में विवाह समारोह के दौरान छापा मारा था, तब गैंग के कई प्रमुख सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़े। गिरफ्तार आरोपियों में रज्जाक का भाई मोहम्मद महमूद, बेटा मोहम्मद सरफराज, भतीजे अजहर और सज्जाद शामिल हैं। इन सभी को पुलिस ने 5 दिन की रिमांड पर लिया था, जो आज मंगलवार को समाप्त हो रही है।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कबूल किया कि अजहर ने सुप्रा डायग्नोस्टिक सेंटर में निवेश किया था और उसी के संचालन में सक्रिय भूमिका निभा रहा था.इसके अलावा पुलिस को यह भी पता चला कि सेंटर के बाजू में बिना पंजीयन के कॉस्मेटिक क्लीनिक भी संचालित किया जा रहा था, जिससे होने वाली आय का उपयोग गैंग गतिविधियों में किया जाता था.
हथियारों का भी हुआ खुलासा,
पुलिस ने रिमांड के दौरान आरोपियों के ठिकानों पर सर्चिंग की, जिसमें अजहर और सज्जाद के कमरे से एक-एक पिस्टल और एक-एक कारतूस बरामद किए गए. यह पुष्टि करता है कि गैंग सिर्फ अवैध धंधों में ही नहीं, बल्कि हथियारों के अवैध भंडारण और उपयोग में भी लिप्त था.
पनाहगारों पर भी कार्रवाई तय-
एएसपी सिटी आनंद कलादगी ने बताया कि रिमांड के दौरान आरोपियों से मिली जानकारी से यह भी पता चला है कि फरारी के दौरान किन-किन लोगों ने इन अपराधियों को पनाह दी और उनकी मदद की. अब पुलिस उन पनाहगारों की भी तलाश कर रही है और जल्द ही उन पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
गैंग की कमर तोड़ने की तैयारी,
प्रशासन और पुलिस अब केवल गिरफ्तारी तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि गैंग के आर्थिक, सामाजिक और आपराधिक नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने की रणनीति पर काम कर रही है। अवैध कमाई के सभी स्रोतों की तलाशी और वैधता की जांच की जा रही है.
पुलिस कप्तान का कहना,
आरोपियों को आज न्यायालय में पेश किया जाएगा.रिमांड बढ़ाने का आवेदन भी प्रस्तुत कर सकते है, ताकि जांच को और गहराई से आगे बढ़ाया जा सके.