रीवा: संजय गांधी अस्पताल में इलाज में लापरवाही से युवक की मौत, परिजनों में आक्रोश…स्वास्थ्य व्यवस्था सवालों के घेरे में

मध्यप्रदेश: रीवा के संजय गांधी अस्पताल में इलाज में लापरवाही का एक और मामला सामने आया है, जिसमें 23 वर्षीय राजलाल यादव की बुखार के इलाज के दौरान मौत हो गई. परिजनों ने इस घटना के लिए सीनियर डॉक्टरों की गंभीर अनदेखी और जूनियर स्टाफ की उपचार प्रक्रिया को जिम्मेदार ठहराया है. परिवार का आरोप है कि राजलाल का इलाज अनुभवी डॉक्टरों के बजाय अप्रशिक्षित जूनियर स्टाफ ने किया.

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इलाज के दौरान डॉक्टरों की तरफ से लगातार बदलती और विरोधाभासी जानकारी से परिजन असमंजस में रहे. पहले बताया गया कि दिमाग ठीक से काम नहीं कर रहा, बाद में किडनी में समस्या और अंत में खून में संक्रमण की बात कही गई. इस कारण परिवार में गहरा शक पैदा हो गया. परिजन यह भी कहते हैं कि अस्पताल के सीनियर डॉक्टर अक्सर अपनी सरकारी ड्यूटी से अधिक समय निजी क्लीनिक में बिताते हैं, जिससे सरकारी अस्पताल में मरीजों को उचित देखभाल नहीं मिल पाती.

संजय गांधी अस्पताल में इस तरह की लापरवाही की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं और मरीजों की मौतों को लेकर परिवारों में रोष बढ़ता जा रहा है. सीनियर डॉक्टरों की अनुपस्थिति ने अस्पताल की सेवा गुणवत्ता को प्रभावित किया है. बावजूद इसके, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और स्थानीय विधायक इस गंभीर समस्या पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. परिणामस्वरूप, संजय गांधी और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल अपनी विश्वसनीयता खोते जा रहे हैं और आम जनता को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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