बांग्लादेश में फिर भड़की हिंसा, आवामी लीग और NCP के समर्थक भिड़े, पुलिस की गोली से 4 की मौत

बांग्लादेश में फिर से हिंसा भड़क गई है. गोपालगंज में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के गढ़ में गोली लगने से चार लोगों की मौत हो गई है, जबकि गोली लगने से दर्जनों घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. भेदभाव के खिलाफ छात्रों की राजनीतिक पार्टी नेशनल सिटीजन्स पार्टी (एनसीपी) ने बुधवार को बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्मस्थली गोपालगंज में एक सार्वजनिक रैली आयोजित की.

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उन्होंने मुजीब की कब्र को ध्वस्त करने के लिए एक कार्यक्रम का भी आह्वान किया था. शेख हसीना के पतन का जश्न मनाने के लिए आयोजित इस रैली को लेकर सुबह से ही इलाके में तनाव व्याप्त था. अवामी लीग को तथाकथित क्रांतिकारी छात्रों के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा. कथित तौर पर, अवामी लीग के नेताओं ने मंच पर उन पर हमला किया और उनकी पिटाई की. स्थिति को संभालने के लिए सेना और पुलिस पहुंची.

आज ‘जुलाई मास विद्रोह’ को एक वर्ष पूरा हो गया है. बांग्लादेश में इस दिन को ‘जुलाई शहीद दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. पिछले वर्ष इसी समय हसीना का पतन शुरू हुआ था. इसी कारण से एनसीपी इस वर्ष 1 जुलाई से ‘जुलाई मार्च टू बिल्ड द नेशन’ कार्यक्रम का आयोजन कर रही है. पार्टी ने देश के कई जिलों में यह कार्यक्रम आयोजित किया है. इस महीने भर चलने वाले कार्यक्रम के तहत समूह ने आज गोपालगंज में मार्च किया.

एनसीपी और अवामी लीग के समर्थक भिड़े

बुधवार सुबह करीब 9:30 बजे सदर उपजिला के उलपुर-दुर्गापुर रोड पर खटियागढ़ चारपारा में एक पुलिस वाहन पर हमला किया गया और उसे आग लगा दी गई. इस घटना में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए.

पुलिस-सेना ने चलाई गोलियां

इस समय पुलिस और सेना के सदस्यों ने ध्वनि ग्रेनेड और खाली गोलियां चलाकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की. एनसीपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपनी गाड़ियां दूसरी दिशा में मोड़ लीं और घटनास्थल से चले गए. गोपालगंज के उपायुक्त मोहम्मद कमरुज्जमां ने जिले में धारा 144 लागू कर दी है.

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने गोपालगंज में जातीय नागोरिक पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हुए हमले को लेकर बयान जारी किया है. सरकार ने कहा है कि एनसीपी की रैली को रोकना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. यह कहा गया है कि सरकार हमलावरों को सजा दिलाएगी. बयान में कहा गया है कि गोपालगंज में हुई हिंसा की घटना किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है.

7 लोगों की हुई मौत, अवामी लीग का दावा

दूसरी ओर, बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने एक बयान जारी कर पूर्व घोषित गोपालगंज मार्च कार्यक्रम पर हमले पर गहरी चिंता व्यक्त की है. एक बयान में, बीएनपी महासचिव ने कहा कि छात्र-जन आंदोलन में अवामी लीग के सत्तावादी शासन के पतन के बाद, उपद्रवी एक बार फिर देश में अस्थिर स्थिति पैदा करने और अराजकता के माध्यम से लाभ प्राप्त करने के लिए दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों में लगे हुए हैं.

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