सदन की गरिमा तार-तार: स्पीकर बोले- विपक्ष उड़ा रहा नियमों की धज्जियां, 25 साल में पहली बार..

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का चौथा दिन हंगामेदार रहा। डीएपी खाद की आपूर्ति का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस नेताओं ने खूब हंगामा किया। नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत, पूर्व CM भूपेश बघेल, पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने सरकार पर प्राइवेट सेक्टर में डीएपी देने और किसानों को ना देने का आरोप लगाया।

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सदन में खूब नारेबाजी हुई, हंगामा करते हुए कांग्रेस के विधायक विधानसभा सदन के गर्भ गृह में जा पहुंचे। कई बार समझाने के बाद भी जब कांग्रेसी विधायक सदन के बाहर नहीं गए तो डॉ रमन सिंह नाराज हुए।

उन्होंने कहा कि 25 साल से जो परंपरा चली आ रही है इसे तोड़ने का काम प्रतिपक्ष के लोग कर रहे हैं। यहां संसदीय परंपराओं की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इसके बाद डॉक्टर रमन सिंह ने सदन की कार्रवाई को स्थगित कर दिया हालांकि 5 मिनट बाद सदन की कार्रवाई फिर से शुरू हुई।

यह पूरा मामला

दरअसल पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने छत्तीसगढ़ में डीएपी की आपूर्ति को लेकर सवाल किया। पटेल ने पूछा कि छत्तीसगढ़ में डीएपी भंडारण का कितना लक्ष्य था कितना भंडारण हो चुका है कितना व्यापारियों को दिया गया और कितना सोसाइटियों के जरिए किसानों को पहुंचाया गया ?

इसका जवाब देते हुए कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने बताया कि 3 लाख 10 हजार मिट्रिक टन का लक्ष्य था, जून तक 1 लाख 18000 मिट्रिक टन डीएपी मिला है। आने वाले 4 से 5 दिनों में बड़ी मात्रा में डीएपी की रेक मिलने वाली है, जिससे आपूर्ति बेहतर हो सकेगी।

उमेश पटेल ने कहा कि यह तो 50% से भी कम भंडारण की स्थिति है। जवाब में कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने DAP की कमी स्वीकारी, उन्होंने कहा लेकिन यह सिर्फ छत्तीसगढ़ की परेशानी नहीं है। एक वैश्विक समस्या है, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में इस व्यवस्था को ठीक करने के लिए काम किया जा रहा है।

मोदी का नाम सुनते ही मचा बवाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम सुनते ही कांग्रेस विधायकों ने बवाल शुरू कर दिया। कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि कृषि मंत्री भाषण दे रहे हैं, इसके बाद प्राइवेट सेक्टर में डीएपी देने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों ने हंगामा कर दिया।

स्थिति काे संभालते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश की स्थिति को देखते हुए सरकार को यह करना चाहिए कि डीएपी प्राइवेट सेक्टर में न देकर 100% सोसाइटी में ही देना चाहिए। कृषि मंत्री ने कहा कि हम यही व्यवस्था आने वाले दिनों में करने जा रहे हैं।

जब गर्भगृह में ही बैठ गए कांग्रेसी

‘DAP खाद देना होगा’, ‘किसान विरोधी सरकार नहीं चलेगी’, ‘कृषि मंत्री इस्तीफा दो’ के नारे खुद भूपेश बघेल लगवाते हुए सभी विधायकों के साथ गर्भगृह में आ गए।

डॉ रमन सिंह ने कहा कि सदन के गर्भगृह में आने की वजह से सभी कांग्रेस विधायक निलंबित हो गए हैं सदन के बाहर चले जाएं। कांग्रेसियों ने इस बात को अनदेखा कर दिया और वहीं बैठकर नारे लगाते रहे।

इस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि जब ये सभी निलंबित हो चुके हैं फिर भी सदन की कार्रवाई में बाधा पहुंचाना, ये तो नई परंपरा की शुरुआत कर रहे हैं। इसके बाद फिर रमन सिंह ने सभी को बाहर जाने को कहा, ऐसा दो बार कहा गया मगर कोई कांग्रेसी विधायक बाहर नहीं गया। नारेबाजी चलती रही।

खुद खड़े हुए विधानसभा अध्यक्ष

इसके बाद डॉ रमन सिंह खड़े हुए, उन्होंने कहा- प्रतिपक्ष के सम्मानित सदस्यों ने निरंतर असंसदीय व्यवहार किया है। इस विधानसभा में दो बार, तीन बार आग्रह करने के बाद भी बाहर नहीं गए। जो यहां की 25 साल की परंपरा है उसको ध्वस्त करने में लगे हुए हैं।

यह नुकसान छत्तीसगढ़ का है, छत्तीसगढ़ की संसदीय परंपराओं का है। पूरा देश देखता है कि छत्तीसगढ़ ने क्या मापदंड स्थापित किए थे और उस मापदंड की धज्जियां कैसे उड़ाई जा रही है, मेरे आग्रह के बाद भी आप समझने को तैयार नहीं है इसलिए सदन की कार्रवाई स्थगित की जाती है।

अब पहले बुकिंग होगी फिर मकान बनाएगा हाउसिंग बोर्ड

गुरुवार को प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी से सत्ता पक्ष के विधायकों ने सवाल किए। अजय चंद्राकर और सुशांत शुक्ला ने सदन में गृह निर्माण मंडल और कॉलोनाइजरों के लाइसेंस से जुड़े सवाल पूछे हैं। चंद्राकर ने हाउसिंग बोर्ड के मकान कितने बिके ये पूछा है। ये भी पूछा गया कि किस आधार पर इतने मकान बनते हैं जो 10 साल या 5 साल में बिकते नहीं हैं।

चंद्राकर जी की चिंता जायज – मंत्री OP चौधरी

मंत्री ओपी चौधरी ने जवाब में कहा कि जो खाली मकान है जो बिक नहीं पा रहे हैं, उनको लेकर हम नई पॉलिसी अपना रहे हैं। चंद्राकर जी की चिंता जायज है कि जब डिमांड हो होता नहीं है, तो बना क्यों देते हैं मकान।

मैं यह सदन को अवगत कराना चाहूंगा कि अब किसी भी प्रोजेक्ट का टेंडर तब तक नहीं लगाया जाएगा जब तक उसमें 60% प्री बुकिंग न हो जाए। तब तक हम टेंडर नहीं लगाएंगे और पहले प्रोजेक्ट लॉन्च करने के 3 महीने के अंदर ही अगर 30 परसेंट प्री बुकिंग हो जाती है तो टेंडर लगा सकते हैं यह हमने नई पॉलिसी अडॉप्ट की है।

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