अयोध्या में आंगनबाड़ी भर्ती घोटाला: फर्जी डिग्री से बनीं 12 कार्यकर्ता, नियुक्ति पत्र निरस्त

अयोध्या : जिले मे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. 2024 में हुई भर्ती प्रक्रिया में फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर 12 महिलाओं ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद हासिल कर लिया था. अभिलेख सत्यापन में गड़बड़ी उजागर होने पर इनकी नियुक्ति रद्द कर दी गई है.

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बताया गया कि 28 मार्च को डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 144 चयनित कार्यकर्ताओं को नियुक्ति पत्र बांटे थे. लेकिन सत्यापन के दौरान 12 महिलाओं के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए या वे सत्यापन में पेश ही नहीं हुईं. डर के कारण कई ने कार्यभार भी ग्रहण नहीं किया.

 

जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय कुमार त्रिपाठी के अनुसार, विधिक प्रक्रिया के बाद जिलाधिकारी के अनुमोदन पर इन 12 नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया है. निरस्त नियुक्तियों में सोहावल, मसौधा, हरिंग्टनगंज, मिल्कीपुर और पूरबाजार ब्लॉक की कार्यकर्ता शामिल हैं.

 

 

ग्राम पंचायत करेरू की गायत्री, महोली की रैना सिंह, बेनीपुर की साधना, सिहैता लोहानी की रीता, मीरपुर कांटा की शिवानी मौर्या, सोहावल नगर पंचायत की प्रीति निषाद, पहाड़गंज की सिम्मी, सथरी की दिव्या जायसवाल, बसवार कला की प्रतिमा तिवारी, गंगौली की शांभवी सिंह, फतेहपुर सरैया की पुष्पा यादव और कीन्हूपुर की चांदनी यादव की नियुक्ति रद्द की गई है.

 

इनमें से एक ही परिवार के दो लोगों की तैनाती पर रोक का नियम टूटने और तथ्यों को छुपाने जैसे कारणों से भी नियुक्ति पत्र निरस्त हुए हैं. इस खुलासे से विभाग में हड़कंप मच गया है और भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं.

 

 

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