पश्चिम बंगाल के हुगली के चंदन नगर निवासी सैकत बसु ने 2017 में अपनी रूसी प्रेमिका विक्टोरिया से शादी की थी. अब विक्टोरिया उनके पांच साल के बच्चे को लेकर गायब हो गई है. इसे लेकर अब सैकत ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. कोर्ट ने महिला के खिलाफ लुकआउट नोटिस और पासपोर्ट जब्त करने के आदेश दिए हैं. साथ ही लापता बच्चे का पता लगाने और उसकी कस्टडी बच्चे के पिता को सौंपने का निर्देश भी दिया है.
पांच साल के बच्चे की कस्टडी से जुड़े विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वे एक रूसी महिला के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करें, जो कथित रूप से अपने भारतीय पति से जन्मे बच्चे को लेकर फरार हो गई है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने दिल्ली पुलिस आयुक्त और डिफेंस कॉलोनी थाने के एसएचओ को भी निर्देश दिया है कि बिना समय गंवाए लापता बच्चे का पता लगाएं और उसकी कस्टडी बच्चे के पिता को सौंपें.
रूसी महिला का पासपोर्ट जब्त करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय एजेंसियों को रूसी महिला का पासपोर्ट जब्त करने का आदेश दिया है और देशभर के सभी एयरपोर्ट्स पर इमिग्रेशन और प्रवेश/निकास की कड़ी निगरानी रखने को कहा है. कोर्ट ने कहा है कि रूसी मां को देश छोड़ने की अनुमति नहीं है. बच्चे का पता लगाने के लिए कोर्ट ने कड़े निर्देश दिए . कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वो यह सुनिश्चित करें कि रूसी महिला देश छोड़कर ना जाए और साथ ही उसे ढूंढ कर बच्चे को उसके भारतीय पिता को सौंप दें.
‘बिना शर्त पिता को सौंपा जाए बच्चा’
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच को बताया गया कि रूसी मां और बच्चा जंगल में गायब हो गए हैं. इसके बाद बच्चे की कस्टडी के विवाद में 5 साल के बच्चे का पता लगाने के लिए बेंच ने कड़े निर्देश जारी किए. दिल्ली पुलिस कमिश्नर सहित अन्य अधिकारी बिना समय गंवाए नाबालिग बच्चे का पता लगाएं और बच्चे को बिना शर्त पिता को सौंप दें. सर्वोच्च अदालत ने आदेश में कहा कि विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय लुक-आउट नोटिस जारी करें और यह सुनिश्चित करें कि (रूसी) मां को देश छोड़ने की अनुमति नहीं है. सुप्रीम कोर्ट 21 जुलाई को मामले पर सुनवाई करेगा.
‘रूसी दूतावास के अधिकारियों से बात करें’
सर्वोच्च अदालत ने आदेश में कहा है कि (रूसी) मां का पासपोर्ट तुरंत जब्त किया जाए और विदेश मंत्रालय के अधिकारी रूसी दूतावास के अधिकारियों से बात करें, ताकि राजनयिक के निवास में प्रवेश करने की अनुमति मिल सके. इससे अदालत को प्रथम दृष्टया उनकी ईमानदारी पर भी संदेह हुआ.यह पाया गया कि वकीलों के जवाब गोलमोल और अस्पष्ट थे. जस्टिस कांत ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि भविष्य में वकीलों के खिलाफ सख्त आदेश जारी किया जाएगा. बेंच ने कहा कि तुम लोग सब कुछ जानते हो. क्या तुम्हें लगता है कि तुम हमारे साथ शरारत कर सकते हो? हम सिर्फ़ याचिकाकर्ता ही नहीं, वकीलों को भी कटघरे में खड़ा करेंगे. तुम हमारे उचित समय पर आने वाले आदेशों का इंतज़ार करो.
मां रूसी-पिता भारतीय
याचिकाकर्ता-पत्नी ने सर्वोच्च न्यायालय में यह याचिका दायर की थी, जिसमें समय-समय पर कई अंतरिम आदेश पारित किए गए थे. वह रूसी नागरिक है, जबकि बच्चे का पिता भारतीय मूल का है. उनके 5 साल के बच्चे का जन्म 2020 में हुआ था. सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार दंपति दिल्ली में अलग-अलग आवास में रह रहे थे और बच्चे की संयुक्त अभिरक्षा उनके पास थी. बच्चे के इलाज को लेकर दोनों पक्षों में आरोप-प्रत्यारोप चल रहे थे .2 मई को बच्चे की विशेष अभिरक्षा रूसी मां को सप्ताह में 3 दिन के लिए दी गई थी. जबकि शेष दिनों में पिता की विशेष अभिरक्षा में रहना तय किया गया था.
हाल ही में पिता ने अदालत के 22 मई के आदेश का अनुपालन कराने के लिए एक आवेदन दायर किया. आवेदन में कहा गया कि उनकी पत्नी का 7 जुलाई से नाबालिग बच्चे के स्कूल के समय के बाद, कोई पता नहीं चल रहा है. वह न तो फोन पर उपलब्ध है और न ही अपने निवास पर. नाबालिग बच्चे को उसकी अपेक्षित चिकित्सा जांच या स्कूल नहीं ले जाया गया है. बताया जा रहा है कि पिता की कई शिकायतों का कोई जवाब नहीं मिला और यहां तक कि उसके वकीलों को भी बच्चे के स्थान के बारे में कथित तौर पर गुमराह किया गया.
21 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
दावों के अनुसार मां को 4 जुलाई को एक रूसी राजनयिक के साथ पिछले दरवाजे से रूस दूतावास में प्रवेश करते देखा गया था, जिसके साथ वह कथित तौर पर किसी प्रकार के रिश्ते में है. यह भी आरोप है कि पुलिस नाबालिग बच्चे को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही. इसके चलते सर्वोच्च न्यायालय ने आज आदेश पारित किया. न्यायालय ने यह भी चेतावनी दी कि यदि रूसी दूतावास के अधिकारी किसी अपराध में संलिप्त पाए जाते हैं, तो कानून अपना काम करेगा. मामले में अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी.