राजस्थान : इस समाज की राजनीतिक उपेक्षा पर जताया गहरा रोष, मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को भेजा पत्र

डीडवाना – कुचामन ,समस्त कुम्हारान पंचायत ट्रस्ट एवं कुमावत विकास समिति कुचामन सिटी की ओर से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एवं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ को पत्र लिखकर नावां विधानसभा क्षेत्र सहित नागौर जिले में कुम्हार-कुमावत समाज की हो रही राजनीतिक उपेक्षा पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है.

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कुचामन सिटी के शिव मंदिर समस्त कुम्हारान पंचायत ट्रस्ट एवं कुमावत विकास समिति,के अध्यक्ष राजकुमार कुमावत (फौजी) के लिखे गए पत्र में बताया गया कि 1982 में स्व. हरिश्चंद्र कुमावत के नेतृत्व में पहली बार कुचामन नगरपालिका में भाजपा का बोर्ड बना था. उन्होंने चार बार नावां विधानसभा से विधायक और नौ बार भाजपा जिलाध्यक्ष रहते हुए पार्टी को कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले नागौर जिले में खड़ा किया था। उनके प्रयासों से ही कुम्हार-कुमावत समाज ने भाजपा से जुड़ाव बढ़ाया और इसे मजबूत आधार प्रदान किया.

 

राजकुमार फौजी ने मीडिया को जाती बयान में बताया की दातारामगढ़ विधानसभा चुनाव 2013 और 2018 में पार्टी के निर्देश पर हरिश्चंद्र कुमावत ने चुनाव लड़ा, भले ही पराजय निश्चित थी, लेकिन उन्होंने पार्टी हित में पूरा प्रयास किया और भाजपा को मुकाबले में लाकर खड़ा किया. इसका प्रत्यक्ष प्रभाव यह हुआ कि नावां विधानसभा में समाज को राजनीतिक नेतृत्व से वंचित होना पड़ा.

 

पत्र में कहा गया कि कुम्हार-कुमावत समाज केवल नावां में ही नहीं, बल्कि परबतसर, डीडवाना, मकराना, लाडनूं में भी निर्णायक भूमिका में है. इसके बावजूद पार्टी द्वारा समाज की राजनीतिक उपेक्षा की जा रही है, जिससे समाज में असंतोष व्याप्त है.

 

राजकुमार फौजी ने रोष जाहिर करते हुए पत्र में लिख है कि ताजा उदाहरण नागौर देहात भाजपा के जिला महामंत्री रहे गोविन्द कुमावत का है, जिन्हें हाल ही में पद से हटा दिया गया. पत्र में कहा गया कि संघ पृष्ठभूमि से जुड़े गोविन्द कुमावत वर्षों से संगठन में सक्रिय हैं। वे विद्यार्थी परिषद के जिला प्रमुख, भारत विकास परिषद, सेवा भारती, विश्व हिंदू परिषद सहित अन्य संगठनों में विभिन्न दायित्व निभा चुके हैं.

 

2018 के विधानसभा चुनाव में जब भाजपा ने विजय सिंह चौधरी को टिकट दिया, तब समाज ने शंभुदयाल कुमावत को निर्दलीय उम्मीदवार बनाया, लेकिन गोविन्द कुमावत ने संगठन के प्रति निष्ठा दिखाते हुए पार्टी के लिए प्रचार किया। 2023 में समाज ने भाजपा को भारी बहुमत से जीत दिलाई, और 2024 के लोकसभा चुनाव में भी कुमावत समाज ने एकतरफा मतदान कर भाजपा उम्मीदवार ज्योति मिर्धा को नावां विधानसभा क्षेत्र से बढ़त दिलवाई.

 

पत्र में यह भी बताया गया कि लोकसभा चुनाव में जब वर्तमान विधायक के प्रति समाज में असंतोष था, तब गोविन्द कुमावत ने प्रदेश नेतृत्व द्वारा भेजे गए वरिष्ठ नेता निर्मल कुमावत के साथ मिलकर समाज में बैठकें कर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाया और मतदान सुनिश्चित किया। इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर दिया और जिलाध्यक्ष पद पर सुनीता रांदड़ की नियुक्ति के बाद गोविन्द कुमावत को संगठन से हटा दिया गया.

समाज ने इस कदम को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसे संघ पृष्ठभूमि और समर्पित कार्यकर्ता की उपेक्षा कर राजनीतिक रूप से खत्म करने का प्रयास करार दिया है.

पत्र में स्पष्ट किया गया कि समस्त कुम्हार-कुमावत समाज इस प्रकार की अनदेखी को स्वीकार नहीं करेगा। देवीलाल दादरवाल को महामंत्री बनाए जाने का स्वागत किया गया है, साथ ही भाजपा के भीष्म पितामह के नाम से मशहूर रहे पूर्व विधायक स्वर्गीय हरीश कुमावत के पुत्र राजेन्द्र कुमावत को उचित प्रतिनिधित्व दिया गया है।

समाज की प्रमुख मांगें

गोविन्द कुमावत जैसे कर्मठ, निष्ठावान और स्थापित कार्यकर्ता को पुनः संगठन में सक्रिय भूमिका दी जाए।

समाज को राजनीतिक रूप से प्रतिनिधित्व मिले जिससे पार्टी में विश्वास और मजबूती बनी रहे।

आगामी निकाय एवं पंचायत चुनावों से पूर्व समाज को विश्वास में लिया जाए, ताकि पार्टी पर कोई विपरीत प्रभाव न पड़े।

अंत में पत्र में विश्वास जताया गया कि भाजपा, जो राष्ट्रवादी विचारधारा की सबसे बड़ी पार्टी है, अपने समर्पित कार्यकर्ताओं को सम्मान देकर समाजों के बीच सकारात्मक संदेश देगी और भविष्य में पार्टी को और मजबूत करेगी.

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