यूपी के बरेली में कांवड़ यात्रा पर कविता लिखने वाले टीचर रजनीश गंगवार ने भारी विरोध के बाद माफी मांग ली है. उन्होंने कहा है कि न मैं धर्म विरोधी हूं और न सरकार विरोधी हूं. दोनों चीज अच्छी है. मैं समर्थक भी हूं. अगर मेरे कारण किसी की भावना आहत हुई है तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं. इसके साथ ही टीचर ने यह भी कहा कि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृति नहीं होगी.
दरअसल, टीचर रजनीश गंगवार पर हिंदू संगठन के लोगों ने आरोप लगाया था कि उनकी कविता धर्म विरोधी और कांवड़ के खिलाफ थी. उन्होंने टीचर को बर्खास्त करने और जेल भेजने की मांग की थी. पुलिस ने मामला भी दर्ज कर लिया था. हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद रजनीश गंगवार ने अब माफी मांगी है.
इस बीच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी एबीवीपी ने टीचर रजनीश गंगवार को अपने संगठन से बाहर का रास्ता दिखा दिया. बताया जा रहा है कि रजनीश बरेली के बहेड़ी क्षेत्र में एबीवीपी में नगर अध्यक्ष के पद पर थे. लेकिन अब उनको संगठन ने हटा दिया है. उनकी जगह डॉ. हरिनंदन कुशवाह को नगर अध्यक्ष बनाया गया है.
मालूम हो कि बहेड़ी के एमजीएम इंटर कॉलेज मे तैनात रजनीश गंगवार का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने कांवड़ को लेकर कथित विवादित कविता पढ़ी थी. असेंबली के दौरान उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए अपनी कविता में कहा- ‘कांवड़ लेने मत जाना, तुम ज्ञान का दीप जलाना… मानवता की सेवा करके तुम सच्चे मानव बन जाना.’ साथ ही कहा कि कांवड़ उठाने से कोई एसपी-डीएम नहीं बनता. इस वीडियो के वायरल होने के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. जिसके बाद उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया.