देश भर में आधार कार्ड को लेकर कई तरह की बातें चल रही हैं. कोई इसकी विश्वसनीयता तो कोई इसके गलत इस्तेमाल को लेकर सवाल खड़े कर रहा है. ताजा चर्चा बिहार में हो रही मतदाता सूची पुनरीक्षण के कारण हो रही है. इसको लेकर बीते दिन गुरुवार को संसद की लोक लेखा समिति (PAC) ने UIDAI से आधार डेटा के सुरक्षा उल्लंघन की रिपोर्ट के बीच इसकी जांच करने का आग्रह किया. इसके जवाब में UIDAI के अधिकारियों ने पैनल के सदस्यों से UIDAI के ऑफिस का दौरा करने की बात कही.
बिहार में चल रही मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया के बीच, संसद की लोक लेखा समिति (PAC) में गुरुवार को आधार कार्ड के गलत इस्तेमाल और संदिग्ध लोगों को सरकारी लाभ मिलने के मुद्दे पर गंभीर चर्चा की गई. इस दौरान कई सांसदों ने आरोप लगाया कि घुसपैठिए आधार कार्ड हासिल कर रहे हैं. इसकी मदद से उनका वोटर आईडी और पासपोर्ट बनाया जा रहा है.
सांसदों की तरफ से कहा गया, आधार अब संदिग्ध नागरिकता वाले लोगों के लिए बैकडोर एंट्री जैसा बन गया है, जिसके जरिए वे वोटर आईडी और पासपोर्ट जैसे आधिकारिक दस्तावेज ले रहे हैं. इस क्रम में कर्नाटक, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में ऐसी स्थिति की चर्चा की गई.
लोगों को नहीं मिल पा रहा लाभ- वेणुगोपाल
बैठक के बाद के.सी. वेणुगोपाल ने मीडिया को बताया आधार आम आदमी से जुड़ा मुद्दा है. इस पर कई सवाल उठाए गए और सुझाव भी दिए गए. इसके अलावा कुछ सदस्यों ने यह भी मुद्दा उठाया कि कई बार आधार कार्ड धारकों की बायोमेट्रिक डिटेल्स नहीं मिलतीं या डाटा में गलती हो जाती है, जिससे उन्हें योजनाओं का लाभ मिलने में परेशानी आती है. समिति ने इस पर भी ध्यान देने और सुधार की प्रक्रिया को आसान बनाने के सुझाव दिए हैं. इसके अलावा बैठक में डेटा चेक करने की बात कही गई.
यूआईडीएआई के अधिकारियों का ये रहा जवाब
सांसदों की तरफ से लगाए आरोपों और उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए यूआईडीएआई ने साफ किया कि किसी भी तरह से डेटा सुरक्षा उल्लंघन नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं. इसकी जांच के लिए आप सभी को एक बार मानेसर स्थित सेंटर को विजिट करना चाहिए. इस दौरान आपको पता चलेगा कि किस तरीके से हम लोग काम करते हैं. इसके साथ ही कैसे पूरा डेटा सेफ किया जाता है.
सांसदों ने कहा कि डिटेल मेच न होने के कारण लोगों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. अधिकारियों ने इस सवाल के जवाब में कहा कि पहले के मुकाबले अब चेहरे की पहचान की सुविधा कम हो रही है. हालांकि उन्होंने कहा कि इस बारे में हम और हमारी टीम सभी जरूरी कदम उठाएगी. ऐसे में साफ है कि आने वाले समय में आधार में कुछ परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं.