गड्ढे में समा गया तालाब का पानी:एक दिन में सूखा तालाब, लोग मान रहे प्राकृतिक चमत्कार, भू-वैज्ञानिक बोले- बारिश में बनता है सिंकहोल

बिलासपुर जिले के कोटा ब्लॉक में पिछले दिनों हुई लगातार बारिश के बाद नदी, तालाब लबालब भर गए थे। इस दौरान बरद्वार गांव का एक तालाब भी पचरी तक भरा हुआ था लेकिन अचानक एक ही दिन में तालाब का पानी सूखकर सुरंग में समा गया।

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ग्रामीणों के मुताबिक, 16 जुलाई की सुबह तालाब ऊपर तक भरा था, लेकिन दोपहर तक खाली हो गया, तालाब किनारे एक सुरंग बना जिसमें पानी तेजी से अंदर जा रहा था। इस घटना को लोग प्राकृतिक चमत्कार मानकर दहशत में है।

वहीं, भू-वैज्ञानिक इसे सामान्य घटना बता रहे हैं। उनका कहना है कि बारिश के समय में इस तरह से सिंकहोल बनता है, जिसमें पानी नीचे ग्राउंड लेबल पर चला जाता है।

भू-वैज्ञानिकों से जांच कराने की मांग

गांव में रहने वाले रामधनी यादव ने बताया कि सुबह तालाब पूरी तरह भरा था। दोपहर में देखा कि एक तरफ गड्ढा बन गया और देखते ही देखते सारा पानी उसमें समा रहा है। उन्होंने कहा कि जीवन में ऐसी घटना पहली बार देखी है।

गांव के बुजुर्गों का कहना है कि ऐसी घटना कभी नहीं हुई। इस घटना की जानकारी ग्राम पंचायत और तहसील प्रशासन को दी है। सरपंच और जनप्रतिनिधियों ने तत्काल भूगर्भ वैज्ञानिकों की टीम भेजने की मांग की है। हालांकि, जानकारी मिलने के बाद भी प्रशासन का अमला गांव नहीं पहुंचा है।

किसानों को घर और खेत को लेकर चिंता

इस रहस्यमयी घटना के बाद गांव के लोग दहशत में है। लोग अपने बच्चों को तालाब तरफ जाने से मना कर दिया है। उन्हें डर है कि जमीन न धंस जाए। वहीं, किसानों को अपनी खेत और घरों की चिंता सताने लगी है। उनका कहना है कि पूरा तालाब का पानी सुरंग में समा गया तो कुछ भी खतरा हो सकता है।

भू-वैज्ञानिक बोले- बारिश में बनता है सिंकहोल

इधर, भू-वैज्ञानिक इसे सामान्य घटना मान रहे हैं। उनका कहना है कि सिंकहोल जमीन पर एक गड्ढा होता है, जिसकी बाहरी सतह से कोई प्राकृतिक जल निकासी नहीं होती। दरअसल जब बारिश होती है, तो सारा पानी सिंकहोल के अंदर जमीन के नीचे चला जाता है।

ज्यादातर इस तरह की घटना चट्‌टानी क्षेत्रों में होती है। जिसे भूमि का अपक्षय कहा जाता है। पानी चट्टानों में मौजूद खाली जगहों से मिट्टी और अवशेषों को बहा ले जाता है, जिससे पानी नीचे जमीन में बह जाता है।

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