अमेरिका ने एक नया लोइटरिंग म्यूनिशन (कमिकेज ड्रोन) पेश किया, जिसका नाम है LUCAS (लो-कॉस्ट अनक्रूड कॉम्बैट अटैक सिस्टम). यह ड्रोन ईरान के मशहूर शाहेद-136 ड्रोन का सस्ता और बेहतरीन विकल्प है. इसे एरिजोना की कंपनी स्पेक्ट्रेवर्क्स ने बनाया. इसे पेंटागन में रक्षा मंत्री पेट हेगसेथ ने इसे देखा. इस ड्रोन को भविष्य के युद्धों के लिए तैयार किया गया है, खासकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में.
LUCAS क्या है और कैसे काम करता है?
LUCAS एक ऐसा ड्रोन है जो हवा में मंडराकर दुश्मन पर हमला करता है और विस्फोट हो जाता है. इसे FLM 136 टारगेट ड्रोन से विकसित किया गया है, जो स्पेक्ट्रेवर्क्स की पुरानी तकनीक पर आधारित है. यह ड्रोन 600 किलोग्राम तक वजन उठा सकता है. 5500 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है.
इसका आकार ईरानी ड्रोन शाहेद-136 जैसा है – 2.5 से 3 मीटर का त्रिकोणीय पंख और पिस्टन इंजन. लेकिन LUCAS में खासियतें हैं… यह दोबारा इस्तेमाल हो सकता है. इसके मॉड्यूलर पेलोड में रेकॉनसेंस सेंसर, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर या विस्फोटक डाले जा सकते हैं.
US develops LUCAS kamikaze drone to surpass Iranian Shahed-136 as loitering munitions become core to future warfarehttps://t.co/l2Sr92ZWS4@spektreworks @nytimes @WSJ @washingtonpost @USATODAY @latimes @Bloomberg @BBCWorld @NBCNews @CBS @Reuters @TheSun @MailOnline @DailyMirror…
— Army Recognition (@ArmyRecognition) July 17, 2025
इसकी लॉन्चिंग ट्रक से या रॉकेट-असिस्टेड टेक-ऑफ (RATO) से होती है, जो इसे बिना खास ट्रेनिंग के भी चलाने लायक बनाता है. यह 28V और 12V पावर सप्लाई सपोर्ट करता है. उड़ान के दौरान सिस्टम बदलने की सुविधा देता है. LUCAS मल्टी-डोमेन अनमैन्ड सिस्टम्स कम्युनिकेशन (MUSIC) नेटवर्क से जुड़ा है, जो इसे कम्युनिकेशन रिले और स्वायत्त स्वॉर्म अटैक के लिए सक्षम बनाता है.
शाहेद-136 से टक्कर
ईरान का शाहेद-136 सस्ता और 2500 किलोमीटर रेंज वाला ड्रोन है, जो यूक्रेन और मध्य पूर्व में इस्तेमाल हुआ है. रूस ने इसे गेरान-2 नाम से अपनाया है. इसे हवाई रक्षा को भेदने के लिए इस्तेमाल किया गया. यह सस्ती तकनीक और स्वॉर्म अटैक से मशहूर है. LUCAS इसे चुनौती देता है, लेकिन रियूजेबिलिटी और नेटवर्क कनेक्टिविटी से आगे है.
अमेरिकी नीति में बदलाव
ट्रंप प्रशासन के 10 जुलाई 2025 के मेमोरेंडम और एग्जिक्यूटिव ऑर्डर 14307 ने ड्रोन नीति बदली. अब ग्रुप 1 और 2 ड्रोन को उपभोक्ता सामान माना जाता है. जैसे ग्रेनेड. इन्हें तेजी से खरीदा जा सकता है. LUCAS ग्रुप 3 में है, लेकिन इसे भी तेजी से सेना में लाने की योजना है. रैपिड डिफेंस एक्सपेरिमेंटेशन रिजर्व (RDER) अब T-REX के तहत 18 महीने में ड्रोन तैयार करता है, जो पहले 6 साल लेता था.
नई तकनीक और सुरक्षा
अमेरिका चीनी ड्रोन (DJI, ऑटेल) पर जांच कर रहा है, ताकि घरेलू उत्पादन बढ़े. ब्लू UAS लिस्ट में नए डेवलपर्स को जगह दी जा रही है. FAA को BVLOS और ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए तेजी लाने को कहा गया है. यह सब LUCAS जैसे ड्रोनों को मजबूत करेगा.
भविष्य का असर
LUCAS न सिर्फ शाहेद-136 को टक्कर देगा, बल्कि अमेरिकी सेना को सस्ता हथियार देगा. यह स्वॉर्म अटैक और नेटवर्क युद्ध में मददगार होगा. शाहेद की तरह सस्ती तकनीक दुनिया भर में फैल रही है. LUCAS इसका जवाब है – तकनीकी और रणनीति दोनों में.