बालोद जंगल में मवेशी तस्करों पर आधी रात छापा: सैकड़ों गायें बरामद, युवाओं को दी जा रही थी चुप्पी की कीमत

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में आधी रात को पुलिस ने जंगल में मवेशी तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की। जानकारी मिलने पर जब टीम जंगल में पहुंची, तो तस्कर वहां खाना बना रहे थे। पुलिस और ग्रामीणों को देखकर वे अपनी बाइक, सामान और बंधे हुए मवेशी छोड़कर भाग गए।

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इसके बाद ग्रामीणों ने मवेशियों को रस्सियों से आजाद किया और कई गायों को नजदीकी गौठान में पहुंचाया। इस कार्रवाई से तस्करों की योजना नाकाम हो गई। पुलिस आगे की जांच कर रही है।

यह पूरा मामला बालोद थाना क्षेत्र के गोंदली जलाशय के पास स्थित दैहान जंगल का है। तस्कर डौंडीलोहारा क्षेत्र से होकर सैकड़ों गायों को बांध के किनारे होते हुए ओडिशा ले जा रहे थे। इसी दौरान कुछ युवकों की नजर उन पर पड़ी और तस्करी का संदेह होने पर उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी।

युवकों को चुप कराने थमा रहे थे 500 रुपए का नोट

ग्रामीणों ने बताया कि सबसे पहले इन मवेशी तस्करों को बड़गांव के युवकों ने देखा था। जब युवकों को शक हुआ तो उन्होंने तस्करों का वीडियो बनाना शुरू कर दिया और गाय ले जा रहे लोगों से यह पूछा कि वे कहां के हैं और मवेशियों को कहां ले जा रहे हैं। इस पर तस्करों ने बात को टालने की कोशिश की और युवकों को चुप कराने के लिए 500 रुपए का नोट देने का प्रयास किया।

संदिग्ध व्यवहार देख युवकों ने पुलिस को दी सूचना

युवकों को तस्करी की आशंका और तस्करों का व्यवहार संदिग्ध लगा। जिसके बाद उन्होंने तुरंत इसकी सूचना अन्य ग्रामीणों और पुलिस को दी। सूचना मिलते ही ग्रामीण सक्रिय हो गए और पुलिस के साथ जंगल में दबिश दी गई। जहां मवेशी तस्कर पकड़े जाने के डर से खाना, बाइक और मवेशी छोड़कर भाग निकले।

लोहारा क्षेत्र से ओडिशा ले जा रहे थे मवेशी

ग्रामीणों के अनुसार, ये मवेशी लोहारा क्षेत्र से बड़गांव होते हुए गोंदली जलाशय के जंगल तक पहुंचाए गए थे। यहां से तस्कर दल्लीराजहरा प्रमुख मार्ग पार कर तांदुला जलाशय के जंगलों से होते हुए चारामा के रास्ते ओडिशा क्षेत्र में ले जाकर मवेशियों को कत्लखाने भेजते। लेकिन पुलिस और ग्रामीणों की कार्रवाई से इससे पहले ही मवेशी बचा लिए गए।

बाइक और भोजन सामग्री छोड़कर भाग निकले

जब खेरथाडीह और दैहान के ग्रामीणों को मवेशी तस्करी की पुख्ता जानकारी मिली तो वे एकत्रित होकर पुलिस को सूचित करने पहुंचे। आधी रात जंगल में पहुंचे ग्रामीणों और पुलिस की मौजूदगी में टॉर्च की रोशनी और हलचल देखकर तस्कर मौके से भाग खड़े हुए।

मौके पर पुलिस को खाना बनाने के बर्तन, राशन सामग्री और चारामा क्षेत्र की एक बाइक मिली। वहीं जंगल में रस्सियों से बंधी सैकड़ों गाय मिलीं जिन्हें ग्रामीणों ने छुड़ाया। आधे मवेशी अगले दिन बालोद शहर के तांदुला जलाशय स्थित गौठान लाया गया।

बालोद जिले में गौ तस्कर सक्रिय

महाराष्ट्र और ओडिशा तक मवेशी ले जाने रात के अंधेरे में जंगलों के सुनसान रास्तों का इस्तेमाल करते हैं। बालोद जिले के गौ सेवा से जुड़े कुछ पदाधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बालोद में सबसे ज्यादा गौ तस्करी होती है। बालोद महाराष्ट्र और ओडिशा के नजदीक होने के कारण यह मार्ग तस्करों के लिए सबसे आसान माना जाता है।

तस्कर हर गांवों के बीच अपना मुखबिर छिपा रखते हैं। जो रास्ता साफ होने पर जंगल और खेतों के बीच सुनसान मार्ग से मवेशी पार करवाते हैं। गुंडरदेही और अर्जुंदा क्षेत्र से तस्करी होकर मवेशी देवरी क्षेत्र से महाराष्ट्र जाते हैं। जबकि बालोद क्षेत्र से दैहान के जंगल होते हुए महाराष्ट्र की सीमा पार की जाती है।

वहीं ओडिशा की ओर मवेशी ले जाने के लिए तांदुला जलाशय का जंगल आसान रूट माना जाता है। यह मार्ग धमतरी और कांकेर जिले के जंगलों से होकर अन्य जिलों तक मवेशी की तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

इस मामले पर बालोद एसडीओपी देवांश सिंह राठौर ने बताया कि दैहान के जंगल में मवेशी बंधे हुए मिले। पास में खाना बनाने की सामग्री और संदिग्ध हालात में बाइक मिली है। मामले की जांच की जा रही है।

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