राजस्थान की किडनैपर पुलिस, 2 युवकों को उठाकर थाने ले आए, 11 लाख की वसूली की; अब 4 कांस्टेबल गिरफ्तार

राजस्थान के जोधपुर जिले में पांच पुलिसकर्मियों द्वारा दो युवकों का अपहरण कर थाने लेकर जाने और डरा धमका कर करीब 11 लाख रुपए की अवैध वसूली करने का मामला सामने आया है. पीड़ितों द्वारा रिपोर्ट देने के बाद जांच अधिकारी एसीपी हेमंत कलाल के निर्देशन में चार पुलिस कांस्टेबल को गिरफ्तार कर लिया गया है और एक की तलाश जारी है. पकड़े गए चार पुलिस कांस्टेबल को कोर्ट में पेश किया गया और सभी को दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया.

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पूरे मामले में पीड़ित दिलीप गौड़ ने जोधपुर के महामंदिर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. पीड़ित दिलीप गौड़ व उसके दोस्त रमेश शर्मा को माता का थान थाने के पुलिसकर्मी जगमाल राम जाट, नरसिंहलाल जाट, राकेश पूनिया, लादूराम मेघवाल और सरदारपुरा थाने के कांस्टेबल वृषभ और एक दलाल भूपेंद्र ने मिलकर महामंदिर थाना क्षेत्र से अपहरण किया था. आरोपी कांस्टेबल थाने से कांस्टेबल राजेश की निजी गाड़ी लेकर निकले, लेकिन जब पीड़ित को अपहरण कर थाने लेकर आए तो उन्होंने गाड़ी बदल ली और पैसों की लूट कर ली, जिसे आपस में बांट लिया.

मॉल में खरीदारी करने गया था पीड़ित युवक

पीड़ित दिलीप गौड़ ने रिपोर्ट देते हुए बताया कि 14 जुलाई की शाम 4 बजे वह अपने दोस्त सुभाष चौक निवासी रमेश शर्मा के साथ में सी रोड पर एक मॉल में खरीदारी करने गए थे. मॉल के बाहर कार पार्क करने लगे. उसी समय पुलिस की वर्दी में एक कांस्टेबल जगमाल व तीन चार अन्य पुलिसकर्मी सादे ड्रेस में वहां आए और गाड़ी के अंदर बैठ गए. इसके बाद डराने धमकाने लगे. दिलीप को चालक की सीट से हटाकर पुलिस वर्दी में कांस्टेबल जगमाल खुद बैठ गया और बाकी पुलिसकर्मी भी गाड़ी के अंदर बैठ गए.

ATM कार्ड से निकलवाए पैसे

वहां से गाड़ी लेकर निकलने के बाद में पुलिसकर्मियों ने कहा कि तुम्हारा अपहरण हो गया है. अगर छूटना है तो रुपए की व्यवस्था करो. दोनों दोस्तों से 50-50 हजार रुपए लेने के बाद में दोनों को माता का थान पुलिस थाने लेकर गए. पुलिस थाने की सीसीटीवी कैमरे भी इन पुलिसकर्मियों ने बंद कर दिए. पीड़ित दिलीप गौड़ से उसकी पत्नी का एटीएम कार्ड लिया और रमेश शर्मा को दिया. पासवर्ड लेकर कांस्टेबल राकेश पूनिया से एटीएम से ₹100000 मंगवाए.

दिलीप का कीमती मोबाइल भी ले लिया और क्रिप्टोकरंसी अपने परिचित को ट्रांसफर करवा दी. फिर दोनों को कुछ हस्ताक्षर भी करवा और किसी को कुछ भी बताने पर झूठे मामले में फसाने की धमकी दी. रात 8:30 बजे दोनों को मोबाइल देकर छोड़ दिया गया. घटना के बाद पीड़ित डीसीपी के पास पहुंचे और परिवाद देखकर कार्रवाई की मांग की. इस पर रिपोर्ट दर्ज की गई और कार्रवाई कर पांच में से चार कांस्टेबल को गिरफ्तार कर लिया गया.

कोर्ट ने 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा

जांच अधिकारी एसीपी हेमंत कलाल ने बताया कि कोर्ट ने 2 दिन का डिमांड दिया है. आरोपियों ने पीड़ितों से दो लाख नकद और उनके खाते से करीब 9 लाख रुपए की क्रिप्टो करेंसी ट्रांसफर करवाई है, जिसकी जांच की जा रही है. चारों गिरफ्तार आरोपी पुलिसकर्मियों को डीसीपी आलोक श्रीवास्तव ने निलंबित कर दिया है और विभागीय के जांच भी शुरू कर दी गई है.

वही पीड़ित के वकील तरुण सोनी ने बताया कि पुलिसकर्मियों और पीड़ित के बीच में किसी तरह का कोई कांटेक्ट नहीं था और न ही पीड़ितों के खिलाफ पहले किसी भी तरह का मुकदमा दर्ज है. इस घटना को योजना बद्ध तरीके से अंजाम देखकर पुलिस थाने के अंदर ही वसूली की गई है. न्यायालय ने दो दिन की पुलिस रिमांड पर आरोपियों को भेजने के आदेश दिए हैं.

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