नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को विदेश मंत्रालय और दिल्ली पुलिस को रूसी महिला विक्टोरिया बसु के साथ रूसी दूतावास के अधिकारियों के कथित संबंधों की जांच करने का निर्देश दिया. रूसी महिला, जिसने कथित तौर पर एक भारतीय व्यक्ति सैकत बसु के साथ शादी की है. वह अपने पांच साल के बेटे के साथ कथित तौर पर फरार हो गई है. यह मामला जस्टिस सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ के समक्ष आया.
वहीं, दिल्ली पुलिस की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पीठ को सूचित किया कि अपने अलग हुए पति के साथ अपने बच्चे की कस्टडी को लेकर चल रही लड़ाई में उलझी रूसी मां देश छोड़कर नहीं गई है. भाटी ने कहा कि वे कम से कम कानूनी तरीके से तो देश से बाहर नहीं गई है. महिला और उसके बच्चे के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया गया है.
पीठ को बताया गया कि भारत में रूसी राजदूत ने संबंधित अधिकारियों को सूचित किया था कि 10 जुलाई को महिला की मां ने रूस से फोन करके बताया था कि उसका पता नहीं लग पा रहा है या उससे संपर्क नहीं हो पा रहा है और उसके बाद उन्होंने दिल्ली पुलिस को सूचित किया था.
अधिकारियों के कथित संबंधों की जांच करने का निर्देश
पीठ ने विदेश मंत्रालय और पुलिस को महिला के साथ रूसी दूतावास के अधिकारियों के कथित संबंधों की भी जांच करने का निर्देश दिया. पीठ ने केंद्र से यह भी जांच करने को कहा कि क्या दूतावास के अधिकारियों ने उसे दूसरे पासपोर्ट पर देश से बाहर जाने में मदद की थी.
महिला के बैंक अकाउंट में केवल 160 रुपये
भाटी ने कहा कि रूसी महिला के बैंक अकाउंट में केवल 160 रुपये थे. पीठ को बताया गया कि उसके बैंक खाते से आखिरी बार 250 रुपये निकाले गए थे. यह जानने के बाद कि महिला के बैंक अकाउंट में केवल 160 रुपये हैं, पीठ ने कहा कि यह बहुत ही नाजुक स्थिति है. पीठ ने आश्चर्य जताया कि वह अपना और बच्चे का भरण-पोषण कैसे कर रही है, क्योंकि उसका पति उसे कुछ भी नहीं दे रहा है.
भाटी ने कहा कि रूसी दूतावास जांच में सहयोग कर रहा है. उन्होंने पीठ के समक्ष दलील दी कि पता चला है कि महिला 5 जुलाई को दूतावास के वाणिज्य दूतावास गई थी और एक घंटे में ही दूतावास से चली गई थी.
सोमवार को हो सकती है अगली सुनवाई
पीठ ने अधिकारियों से यह जांच करने को कहा कि क्या वह राष्ट्रीय राजधानी छोड़कर किसी अन्य स्थान पर चली गई है. भाटी ने कहा कि देश भर के सभी पुलिस अधीक्षकों को नोटिस भेजे गए हैं. अदालत सोमवार को इस मामले पर सुनवाई कर सकती है.
बच्चे के पिता ने दावा किया था कि महिला और उसके बच्चे का कोई अता-पता नहीं है. पति ने दावा किया है कि उसकी अलग रह रही पत्नी को दिल्ली स्थित रूसी दूतावास में गुप्त रूप से प्रवेश करते देखा गया था. उसने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दलील दी कि उसे डर है कि मां और बच्चा भारत से भाग गए होंगे.
मां का पासपोर्ट जब्त करने का निर्देश
पीठ ने मां का पासपोर्ट जब्त करने का निर्देश दिया और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को रूसी दूतावास के अधिकारियों से बात करके उस राजनयिक के आवास में प्रवेश की अनुमति लेने को कहा, जिसे आखिरी बार रूसी महिला के साथ देखा गया था.
बच्चे के पिता ने दावा किया था कि बच्चे की कस्टडी के लिए एक समझौता हुआ था जिसके अनुसार लड़का हफ़्ते में तीन दिन अपनी मां के साथ बिताता है और मां ने 22 मई को बच्चे की कस्टडी ली थी. पिता ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि उसने बच्चे को आखिरी बार मई में देखा था.