बिना मेहनत आवेदन मात्र से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर प्रदेश में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। 20 लाख रु. में खाद्य व नागरिक आपूर्ति निरीक्षक, इतने में ही सीएसपीडीसीएल सहायक अभियंता तथा 15 लाख में एनटीपीसी इंजीनियर का फर्जी नियुक्ति पत्र बांटकर लगभग 4.5 करोड़ की ठगी अंजाम दी गई है।
दुर्ग सीएमएचओ कार्यालय की नियमित कर्मी प्रिया देशमुख सहित बिलासपुर और बलौदाबाजार के 14 से ज्यादा युवा अंबिकापुर निवासी ठग के जाल में फंसे हैं। ठग द्वारा सबको थमाए गए नियुक्त पत्र को लेकर सभी ज्वाइनिंग करने पहुंचे तब इस फर्जीवाड़ें का खुलासा हुआ है। अब बिलासपुर में मोनीषा सिंह और दुर्ग में प्रिया देशमुख ने एफआईआर कराई है।
मोनीषा सिंह की एफआईआर में कालेज रोड अमतोली, सरगुजा निवासी रजत कुमार गुप्ता सहित दुर्ग के एफआईआर की पीड़िता प्रिया देशमुख को आरोपी बनाया गया है। मोनीषा की माने तो प्रमुख आरोपी रजत कुमार ने प्रिया देशमुख की मध्यस्थता में उसे सीएसपीडीसीएल में सहायक अभियंता का फर्जी नियुक्ति पत्र थमाया था। जबकि प्रिया देश मुख खुद को पीड़िता बताते हुए कहीं कि रजत कुमार गुप्ता, उसकी पत्नी अमोलक्ष्मी, कम्युटर केयर रायपुर का संचालक और एक अन्य व्यक्ति ने मिलकर उनके सहित अन्य के साथ ठगी की है।
सबने उन्हें खुद नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग में खाद्य तथा नागरिक आपूर्ति निरीक्षक के पद पर चयनित होने का फर्जी नियुक्ति पत्र दिया है। बिलासपुर निवासी मोनीषा सिंह व दुर्ग की प्रिया देशमुख की दोनों एफआईआर में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 14 से ज्यादा लोगों के साथ 4.5 करोड़ से ज्यादा की ठगी होना बताया गया है।
50 लाख में नायब तहसील दार बनाने की सौदेबाजी का भी जिक्र : दुर्ग की एफआईआर में आरोपी रजत कुमार गुप्ता व प्रिया देशमुख के बीच नायब तहसीलदार बनाने की सौदेबाजी का भी जिक्र है। इसमें बताया गया कि आरोपी ने प्रिया से पहले 50 लाख में नायब तहसीलदार बनाने का सौदा किया था। उसमें अग्रिम के तौर पर वह प्रिया से 25 लाख रुपए लिया और बाकी 25 लाख नौकरी के बाद देने बोला था।
उस पद के लिए प्रिया आवेदन भी की थी। रिजल्ट आने पर चयन नहीं हुआ तो 20 लाख में खाद्य तथा नागरिक आपूर्ति निरीक्षक बनाने की बात तय हुई, उसका आदेश भी फर्जी निकला।
2022 की परीक्षा बताकर चयन दिखाया
ठग ने अपने जाल में फंसाने प्रिया देशमुख सहित अन्य 6 युवाओं को खाद्य तथा नागरिक आपूर्ति निरीक्षक के लिए जो फर्जी नियुक्ति पत्र बांटा, उसमें 22 फरवरी 2022 की परीक्षा का हवाला दिया गया है। इस फर्जी आदेश में ठग ने मेरिट सूची के आधार पर सबका चयन होना बताते हुए अलग-अलग जिलों में पदस्थापित करना दर्शाया है। इन फर्जी आदेशों की छायाप्रतियों में जितेंद्र कुमार शुक्ला के नाम से बतौर संचालक, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उप. संरक्षण हस्ताक्षर होना दर्शित है।
लिखा- ज्वाइन नहीं किए तो आदेश रद्द
मोनीषा सिंह और दो को छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में सहायक अभियंता बनाए जाने संबंधित जो फर्जी नियुक्ति पत्र दिया गया उसमें अतिरिक्त मुख्य अभियंता के हस्ताक्षर दिख रहे हैं। 16 नवंबर 2023 को जारी दिखाए गए इस आदेश में मोनीषा सिंह को धमतरी में ज्वाइन करने निर्देशित किया गया है। सबसे बड़ी बात यह कि इस फर्जी आदेश में जारी होने के 30 दिन के भीतर ज्वाइन नहीं करने पर आदेश स्वत: रद्द होने बताया गया है।
2024 में 39 हजार वेतन का नियुक्ति पत्र मिंटू कुमार झा सहित तीन युवाओं को एनटीपीसी में नौकरी का जो नियुक्ति पत्र दिया, उसमें साक्षात्कार के आधार पर 18 जनवरी 2021 से 4 शर्तों के आधार पर असिस्टेंट इंजीनियर पर चयन होना दर्शाया है। इस नियुक्ति पत्र में संबंधित को 39000 मासिक वेतन के साथ 1750 रुपए एलाउंस दिए जाने की जानकारी दी गई है। 27 दिसंबर 2023 को जारी दिखाए गए नियुक्ति पत्र में दर्शित तौर पर एनटीपीसी के जनरल मैनेजर आर सी पटनायक के हस्ताक्षर हुए हैं।
प्रिया देशमुख के आवेदन के क्रम में हमने एफआईआर की है। जांच पड़ताल के दौरान प्रमुख आरोपी रजत कुमार की लोकेशन ट्रेस की गई तो उसकी अलग-अलग लोकेशन मिली है। प्रकरण की दूसरी आरोपी उसकी पत्नी भी बताए गए पते पर नहीं मिली है। जिला पुलिस की सभी इकाइयां आरोपी की तलाश में लगी है। शीघ्र ही हम उसे दबोचने में सफल होंगे।