अयोध्या : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से लगातार आ रही शिकायतों को दूर करने के लिए रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बड़ा कदम उठाया है. अब श्रद्धालु रामजन्मभूमि परिसर में दो से तीन घंटे तक रुक सकेंगे और 70 एकड़ में फैले पूरे परिसर में बने पूरक मंदिरों, मंडपों, कुबेर टीला और पंचवटी का दर्शन कर सकेंगे.
यह जानकारी मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने दी. उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण समिति के सुझाव पर ट्रस्ट ने इस प्रस्ताव पर सकारात्मक विचार शुरू कर दिया है. यदि सुरक्षा व्यवस्था में कोई बाधा नहीं आई, तो यह सुविधा इसी वर्ष के अंत तक लागू हो सकती है.
इसके तहत श्रद्धालुओं को जूता-चप्पल पहनकर परिसर के अन्य दर्शनीय स्थलों तक जाने की छूट मिलेगी. पहले श्रद्धालु रामलला के मुख्य मंदिर में जूता-चप्पल उतारकर दर्शन करेंगे, फिर लौटकर जूता पहनकर अन्य जगह घूम सकेंगे.
पंचवटी को 20 एकड़ में ग्रीन जोन के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां छायादार और रामायणकालीन पौधे लगाए जाएंगे. इसके अलावा लोअर प्लिंथ और परकोटा पर रामकथा के करीब 200 म्यूरल्स (चित्र) लगाए जाएंगे, जिनके साथ प्रसंग का परिचय भी लिखा होगा.
इस नई व्यवस्था से श्रद्धालु अयोध्या आने पर न सिर्फ रामलला के दर्शन करेंगे, बल्कि पूरा परिसर देखकर अध्यात्म और प्रकृति का आनंद भी ले सकेंगे.