SECL भू-विस्थापित महिलाओं ने साड़ी उतारकर किया प्रदर्शन…:प्रबंधन को चूड़ियां दिखाई, बोलीं-जमीन लेकर नौकरी नहीं दी, हम गड्ढों में और वो सोना निकाल रहे

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में SECL खदान से प्रभावित 150 भू-विस्थापित परिवार की महिलाओं ने साड़ी उतारकर विरोध जताया है। 18 जुलाई को करीब 20-25 महिलाएं कुसमुंडा स्थित कंपनी कार्यालय में मेन गेट पर धरने पर बैठ गईं। नौकरी की मांग को लेकर अर्धनग्न प्रदर्शन किया।

Advertisement1

महिलाओं का आरोप है कि कंपनी ने उनकी जमीन का अधिग्रहण कर लिया, लेकिन रोजगार नहीं दिया। पिछले 42 साल से आवाज उठा रहे हैं, जिसके बाद अब साड़ी उतारने को मजबूर हैं। वहीं, प्रबंधन का कहना है कि प्रदर्शनकारी नियमों के खिलाफ रोजगार और मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

परिवार में बेटी है तो नहीं मिली नौकरी

प्रदर्शनकारियों के मुताबिक, कई भू-विस्थापितों को जमीन के बदले नौकरी और मुआवजा दे दिया गया, लेकिन परिवार में अगर बेटा नहीं है तो उन्हें नौकरी नहीं दी जा रही है। पहले भी कई बार मांग की गई, लेकिन केवल कागज दिखाए गए, नौकरी नहीं मिली।

जिंदा पिता के नाम पर मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का आरोप

प्रदर्शनकारी महिला फुलेश्वरी बाई ने बताया कि, हमारे पिताजी के समय से ये सब चलते आ रहा है। नौकरी मांगते परिजनों की उम्र निकल गई, अब हम उनकी बेटियां बची हैं। जमीन लेकर वे लोग सोना निकाल रहे हैं, हम गड्ढों में हैं। हमारे 15-16 साल के बच्चे मजदूरी करने जाते हैं।

प्रभावित गांवों में ये शामिल

करीब 8 गांवों के 150 परिवार इस समस्या से प्रभावित हैं। इनमें सोनपुरी, बालिपडनिया, जटराज, अमगांव, बरकुटा, गेवरा बस्ती, खोडरी, भिलाई बाजार शामिल हैं। कई साल से नौकरी की मांग को लेकर उन्होंने कई बार दस्तावेज जमा किए हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकला।

कार्यालय का कामकाज ठप

पहले भी इन महिलाओं ने खदान में प्रदर्शन किया था। कंपनी प्रबंधन ने कार्रवाई करते हुए महिलाओं और बच्चों सहित लगभग 30-35 लोगों को बलपूर्वक उठाकर जेल भेज दिया था। इस बार प्रदर्शनकारियों ने खदान की बजाय मुख्य कार्यालय का कामकाज ठप कर दिया है।

प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाएंगी, वे कार्यालय परिसर से नहीं हटेंगी। वहीं विरोध में महिलाएं आज पुतला जलाकर प्रदर्शन भी कीं।

क्या बोला SECL प्रबंधन

SECL पीआरओ डॉ. सनीश चंद्र ने स्टेटमेंट जारी किया है, जिसके मुताबिक, कुसमुंडा क्षेत्र में कुछ परियोजना प्रभावित लोग निर्धारित नियमों के अलावा रोजगार और मुआवजे की मांग कर रहे हैं। प्रबंधन हमेशा बातचीत के लिए तैयार है और हम सभी से सहयोग की अपेक्षा रखते हैं।

प्रदर्शनकारी महिलाओं को महाप्रबंधक कार्यालय में बातचीत के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे लोग प्रदर्शन करने लगे। स्थानीय प्रशासन ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है।

Advertisements
Advertisement